बाबा साहेब डॉ. बी.आर. अम्बेडकर की 134 वीं जयंती मनाई

बीकानेर 14 अप्रेल। वेटरनरी विश्वविद्यालय में भारतीय संविधान के जनक, भारत रत्न, बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर की 134 वीं जयंती रविवार को मनाई गई। कुलपति प्रो. सतीश के. गर्ग ने कहा कि बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर के विचार, सामाजिक सरोकार के कार्य आज भी प्रासंगिक है। बाबा साहेब का एक शिक्षाविद, अर्थशास्त्री एवं संविधान निर्माता के रूप में योगदान हमेशा जाना जाता रहेगा। हमें यह विचार करना चाहिए देश की जो वर्तमान में सामाजिक एवं राजनैतिक व्यवस्थाएं है यह हमारी पुराने समय की व्यवस्थाओं से कैसे भिन्न हुई। भारतीय संस्कृति सामाजिक समानता, समरसता एवं सर्वकल्याण की भावना से निहित है लेकिन कालांतर में कुल विडंबनाओं एवं कुरीतियों के चलते सामाजिक व्यवस्थाओं में विकार उत्पन्न हुए। बाबा साहेब ने सामाजिक शिक्षा एवं कानून के माध्यम से इन कुरीतियों का निवारण करते हुए देश को एकता, अखंडता एवं समरसता का संदेश दिया। प्रो. गर्ग ने सभी को बाबा साहेब के बताए आदर्शों का अनुसरण करने को कहा। प्रति कुलपति प्रो. हेमंत दाधीच ने देश में आदिकाल से कर्म व्यवस्था की जानकारी देते हुए कहा कि बाबा साहेब ने दलित उत्थान एवं सर्वकल्याण के कार्यों को महत्व दिया। उन्होंने बाबा साहेब को एक विचारधारा बताते हुए उनके व्यक्तित्व एवं देश में योगदान की बात कही। अधिष्ठाता प्रो. ए.पी. सिंह ने सभी का स्वागत किया एवं अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर बहु-प्रतिभा के धनी थे उन्होंने समाज में व्याप्त छुआछूत, असमानता, भेदभाव जैसी कुरीतियों समाप्त करने एवं विश्व विख्यात लोकतांत्रिक भारतीय संविधान के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया। इस अवसर पर वेटरनरी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सतीश के. गर्ग सहित वेटरनरी कॉलेज के अधिष्ठाता प्रो. ए.पी. सिंह, महाविद्यालय के निदेशक, अधिकारी, शिक्षक, कर्मचारी एवं विद्यार्थियों ने उनके छायाचित्र पर पुष्प अर्पित कर उनको याद किया। इस अवसर पर डॉ. राजकुमार एवं छात्रा रति जलथूरिया ने भी अपने विचार व्यक्त किये और बताया कि बाबा साहेब ने अपना जीवन छुआछूत को मिटाकर समाज में सामाजिक समरसता एवं न्याय व्यवस्था को बनाने में दिया। जयंती समारोह के दौरान विश्वविद्यालय के निदेशक प्रसार शिक्षा प्रो. राजेश कुमार धूड़िया, अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. प्रवीण बिश्नोई, परीक्षा नियंत्रक प्रो. उर्मिला पानू, फैकल्टी सदस्य, कर्मचारी एवं विद्यार्थी मौजूद रहे। डॉ. नीरज कुमार शर्मा ने मंच का संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापित किया।