वेटरनरी विश्वविद्यालय व्यवसायिक भेड़ एवं बकरी पालन प्रशिक्षण शुरू

वेटरनरी विश्वविद्यालय
व्यवसायिक भेड़ एवं बकरी पालन प्रशिक्षण शुरू

बीकानेर, 11 मार्च। डेयरी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी महाविद्यालय एवं सुमंगल जन कल्याण ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में सोमवार से तीन दिवसीय व्यवसायिक भेड़ एवं बकरी पालन प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभांरभ राजुवास में किया गया। इस कार्यक्रम में श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, सीकर, चूरू और बीकानेर जिलों से आए 30 प्रतिभागियों ने भाग लिया। प्रशिक्षण कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डेयरी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी महाविद्यालय के अधिष्ठाता प्रो. राहुल सिंह पाल ने कहा कि आज के समय में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए आत्मनिर्भर आवश्यक है। भेड़-बकरी पालन न केवल रोजगार के अवसर उत्पन्न कर सकता है बल्कि इससे जुड़ी सहायक सेवाओं जैसे दुग्ध उत्पादन, ऊन उद्योग और जैविक खाद्य उत्पादन के माध्यम से ीाी आय के नए स्त्रोत विकसित किए जा सकते हैं। सुमंगल जन कल्याण ट्रस्ट के गजेंद्र सिंह और यतीश बेदी ने अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि निदेशक अनुसंधान बी.एन. श्रृंगी ने अपने संबोधन में कहा कि “भेड़ एवं बकरी पालन ग्रामीण अर्थव्यवसथा को सशक्त करने का एक प्रभावी माध्यम है। यदि पशुपालक वैज्ञानिक पद्धतियों को को अपनएं तो यह व्यवसाय अत्यधिक लाभकारी हो सकता है। विशिष्ट अतिथि डॉ. आर.के. सावल, पूर्व निदेशक कैमल रिसर्च सेंटर ने कहा कि आज के समय में वैज्ञानिक तरीके अनपाकर पशुपालक अपनी उपज और आय को कई गुना बढ़ा सकते हैं। डेयरी और पशुपालन क्षेत्र में शोध और नवाचार से यह व्यवसाय और भी टिकाऊ बन सकता है। डॉ. सुरेन्द्र सिंह ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार द्वारा चलायी जा रही योजनाओं और सब्सिडी का सही उपयोग कर पशुपालक आत्मनिर्भर बन सकते हैं। ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रम उन्हें आधुनिक तकनीकों और सरकारी सहायता योजनाओं से जोड़ने में सहायक होते हैं। सुभाष स्वामी ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा व्यवसायिक प्रशिक्षण से न केवल पशुपालकों आय बढ़ेगी बल्कि रोजगार के नए अवसर भी सृजित होगे। प्रशिक्षण के दौरान डॉ. दिवाकर और डॉ. नीरज कुमार शर्मा ने स्वस्थ्य, पोषण, औषधि प्रबंधन और वैज्ञानिक पद्धतियों पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होने प्रतिभागियों को भेड़-बकरी पालन के विभिन्न पहलुओं, चारा प्रबंधन, रोग नियंत्रण और व्यवसायिककरण के विषय में जागरूक किया। कार्यक्रम में वीरेन्द्र लुणु ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर विभिन्न विशेषज्ञों और अनुभवी प्रशिक्षकों ने अपने व्याख्यान प्रस्तुत किये और प्रतिभागियों को इस क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।
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