वेटरनरी विश्वविद्यालय में मनाया विश्व दुग्ध दिवस दूध प्रसंस्करण बने पशुपालकों के आर्थिक सुद्दढ़ीकरण का आधार: कुलपति प्रो सतीश के. गर्ग

बीकानेर, 1 जून। वेटरनरी विश्वविद्यालय के संघटक पशुचिकित्सा एवं पशु विज्ञान महाविद्यालय, बीकानेर एवं डेयरी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी महाविद्यालय, बीकानेर में ‘विश्व दुग्ध दिवस‘ के अवसर पर शनिवार को विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वेटरनरी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एस.के. गर्ग ने कहा कि हर वर्ष की भांति इस वर्ष विश्व दुग्ध दिवस “विश्व को पोषण देने के लिए गुणवत्तापूर्ण पोषण प्रदान करने में डेयरी की महत्वपूर्ण भूमिका” विषय पर मनाया जा रहा है विश्व दुग्ध दिवस को मनाने का उद्देश्य आमजन को दुध की उपयोगिता एवं आर्थिक महत्व के प्रति जागरूक करना है ताकि दुग्ध एवं दुग्ध व्यवसाय से जुडे पशुपालको, इण्डस्ट्रीज एवं संस्थानों का आर्थिक उत्थान तथा आमजन को स्वच्छ एवं पौष्टिक दुग्ध एवं दुग्ध उत्पाद उपलब्ध हो सके। प्रो. गर्ग ने कहा कि भारत विश्व के कुल दूध उत्पादन का 25 प्रतिशत उत्पादन कर सबसे अधिक दुग्ध उत्पादन वाला देश है। लेकिन देश में दुध का प्रसंस्करण तुलनात्मक कम हो रहा है। दुध की गुणवत्ता सुधार कर एवं प्रसंस्करण को बढ़ावा देकर हम दुग्ध व्यवसाय एवं पशुपालकों को और अधिक आर्थिक सुद्दढ बना सकते है। प्रो. गर्ग ने कहा कि पशु चिकित्सकों का कार्य क्षेत्र केवल बीमार पशुओं के ईलाज तक ही सीमित ना रहकर पशु उत्पादकता बढ़ाना भी है। वेटरनरी विश्वविद्यालय में डेयरी प्रौद्योगिकी महाविद्यालय शुरू हो जाने के साथ ही राज्य के पशुपालकों को इससे सीधा लाभ मिल सकेगा। सम्माननीय अतिथि डॉ. ओमप्रकाश (उरमूल डेयरी, बीकानेर) ने कहा कि गांव एवं ढाणियों से दुग्ध उत्पादन से जुड़े पशुपालकों को उनके उत्पादन को समुचित लाभ मिलना चाहिए। गाय एवं भैंस के दूध के साथ-साथ उरमूल दूसरे संस्थानों से मिलकर बकरी एवं ऊटनी के दुग्ध के महत्व को भी आमजन तक पंहुचा रहा हैं हम पशुपालकों की समस्याओं का समाधान करके एवं उनकों उन्नत तकनीकों का हस्तांतरण करके दुग्ध उत्पादन को बढावा दे सकते है। अधिष्ठाता वेटरनरी महाविद्यालय प्रो. ए.पी. सिंह ने कार्यक्रम के शुरू में स्वागत भाषण दिया और दुग्ध के महत्व पर प्रकाश डाला। प्रति कुलपति एवं अधिष्ठाता डेयरी विज्ञान महाविद्यालय बीकानेर प्रो. हेमन्त दाधीच ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया एवं दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने में पशुओं के रख-रखरखाव की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में बताया। कार्यक्रम के दौरान निदेशक मानव संसाधन विकास प्रो. बी.एन. श्रृंगी, निदेशक पी.एम.ई. प्रो. बसंत बेस, अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रवीन बिश्नोई, परीक्षा नियंत्रक प्रो. उर्मिला पानू सहित विश्वविद्यालय के शिक्षक, विद्यार्थी मौजूद रहे। कार्यक्रम के दौरान मंच संचालन डॉ. सोनिया ने किया।