वेटरनरी विश्वविद्यालय प्रसार शिक्षा में नई दक्षता, कैरियर एवं अनुसंधान प्राथमिकताओं पर सात राज्यों के स्नातकोत्तर विद्यार्थियों का प्रशिक्षण प्रारंभ

बीकानेर, 10 फरवरी। राजस्थान पशुचिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, बीकानेर एवं राष्ट्रीय कृषि विस्तार प्रबंधन संस्थान (मैनेज) हैदराबाद के संयुक्त तत्वावधान में देश भर के प्रसार शिक्षा में उच्च अध्ययनरत विद्यार्थियों हेतु पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम “प्रसार शिक्षा में नई दक्षता, कैरियर के अवसर और अनुसंधान प्राथमिकताएं“ विषय पर प्रशिक्षण कार्यक्रम वेटरनरी महाविद्यालय, बीकानेर में सोमवार से शुरू हुआ। उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि आचार्य मनोज दीक्षित, कुलपति राजुवास ने ऑनलाइन इन्टरेक्ट किया एवं सभी को संबोधित करते हुए कहा कि देश की आजादी के बाद पहली चुनौती देश के कृषि एवं पशुधन उत्पादन की की जो कि विभिन्न योजनाओं एवं तकनीकी माध्यम से काफी हद तक पूरी की गई। आज देश में सामने बड़ी चुनौती गुणवत्ता निर्धारण की है देश के खनिज लवणो, मेडिकल जड़ी बूटियो, वनस्पति सम्पदा पशु सम्पदा, खाद्य संसाधनों का पूर्ण भण्डार है हमें उचित तरीके से नीति निर्धारण करके इनका समुचित उपयोग भी करना है और इन्हे सुरक्षित भी करना। आज के विद्यार्थी भविष्य के वैज्ञानिक एवं नीति निर्धारक होंगे। प्रशिक्षण के माध्यम से विभिन्न कौशल का विकास करके हम किसानों एवं पशुपालकों को सशक्त बना सकते है। कार्यक्रम के सम्माननीय अतिथि डॉ. सरवाननराज, निदेशक (कृषि प्रसार) मैनेज हैदराबाद (तेलंगाना) ने कहा कि मैनेज हैदराबाद, भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अधीन एक शीर्ष संस्था है जो कि देश में प्रसार शिक्षा के क्षेत्र में जुडे़ वैज्ञानिकों, प्राध्यापकों एवं विद्यार्थियों हेतु विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन करता है। इसी प्रशिक्षण श्रृंखला के तहत प्रसार शिक्षा में उच्च अध्ययनरत पी.जी. एवं पी.एचडी. विद्यार्थियों हेतु यह प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया है जिसका उद्देश्य विद्यार्थियों को कृषि विस्तार, अनुसंधान एवं विभिन्न नीतियों के उभरते क्षेत्रों की जानकारी प्रदान करना तथा नई दक्षताओं, अनुसंधान प्राथमिकताओं और बेहतर रोजगार के अवसरों पर चर्चा करना है। प्रति कुलपति एवं अधिष्ठाता प्रो. हेमंत दाधीच ने सभी का स्वागत किया एवं वर्तमान परिपेक्ष में विभिन्न प्रसार गतिविधियों एवं प्रसार शिक्षा महत्व पर जानकारी प्रदान की। प्रशिक्षण समन्वयक डॉ. देवी सिंह ने बताया कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में राजस्थान, बिहार, गुजरात, मध्यप्रदेश, उत्तराखण्ड, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र सहित 7 विश्वविद्यालयों के कुल 79 विद्यार्थी प्रतिभागी है जिनमें 34 छात्राएं एवं 45 छात्र प्रतिभागी है। जिनकों देश के ख्याति प्राप्त वैज्ञानिक द्वारा प्रसार शिक्षा में विभिन्न आयामों पर अनुसंधान विश्लेषण, शोध विधियां, उद्यमिता विकास, ऑर्गेनिक खेती, जेंडर समानता, नीति निर्धारण, योजना निर्धारण, व्यक्तित्व विकास आदि विषयों को व्याख्यानों के साथ साथ प्रायोगिक, प्रदर्शन, समूह चर्चा आदि विधियों से समझाया जायेगा। कार्यक्रम के सह समन्वयक डॉ. नीरज कुमार शर्मा ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया। प्रशिक्षण सह समन्वयक डॉ. सुनील कुमार एवं डॉ. मैना कुमारी ने मंच संचालन किया। उद्घाटन सत्र के दौरान विश्वविद्यालय के डीन-डायरेक्टर, शिक्षक एवं प्रतिभागी विद्यार्थी मौजूद रहे।