बीकानेर, 18 मई। राजस्थान पशुचिकित्सा और पशुविज्ञान विश्वविद्यालय, बीकानेर द्वारा 13वाँ स्थापना दिवस समारोह पूर्वक मनाया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो. रक्षपाल सिंह, कुलपति स्वामी केशवानंद कृषि विश्वविद्यालय, बीकानेर ने विश्वविद्यालय के 13वें स्थापना दिवस की सभी को बधाई देते हुए कहा कि इस विश्वविद्यालय ने अल्पकाल में ही राज्य ही नहीं पूरे देश में एक अलग स्थान बनाया है। इस विश्वविद्यालय के छात्र देश में ख्याति प्राप्त अन्य विश्वविद्यालयों एवं संस्थानों में विभिन्न उच्च पदों पर कार्यरत है। यह हमारे लिए गर्व की बात है। इस विश्वविद्यालय द्वारा छात्रों को दी जाने वाली गुणवत्ता युक्त शिक्षा का वैश्विक स्तर पर नाम है। उन्होंने वेटरनरी विश्वविद्यालय की उन्नति और विकास हेतु सहयोगी रहे पूर्व कुलपतियों के कार्यों की भी सराहना की। उन्होंने विद्यार्थियों से अनुरोध किया कि वे सफल पशुचिकित्सक के साथ-साथ सफल नागरिक बने एवं अपनी कुशलता एवं सकारात्मक ऊर्जा को देश के विकास हेतु उपयोग करें। मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित करते हुए प्रो. अबरिश शरण विद्यार्थी, कुलपति, बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय ने पशुचिकित्सा, अनुसंधान एवं शिक्षण के क्षेत्र में किये गये कार्यों की सराहना की। उन्होंने विद्यार्थियों को विनम्रशील बनने के साथ-साथ नैतिक मूल्यों को अपनाने एवं सर्वोगिण विकास हेतु प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि हमें संख्यात्मक उपलब्धियों के साथ-साथ गुणात्मकता को भी ध्यान में रखते हुए आगे बढ़ना होगा। कुलपति प्रो. सतीश के. गर्ग ने सभी अतिथियों का स्वागत किया एवं विश्वविद्यालय के 13वें स्थापना दिवस पर सहयोगी रहे विश्वविद्यालय के एल्युमिनाई, सेवानिवृत अध्यापकगण एवं वर्तमान फैकल्टी सदस्यों के कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय 12 वर्षों के अल्पकाल में ही राज्य के 22 जिलों में अपनी इकाईयों को स्थापित कर चुका है उन्होंने कहा कि राज्य के 60 प्रतिशत लोगों की आजीविका पशुपालन पर आधारित है। हमें हमारी उपलब्धियों के साथ-साथ चुनौतियों को भी ध्यान में रखते हुए विश्वविद्यालय को सर्वोच्च शिखर पर ले जाना है। हमे रोजगारोन्मुखी शिक्षा, गुणवत्तायुक्त अनुसंधान एवं आर्थिक पशुपालन पर विशेष ध्यान देना होगा। कुलपति ने बताया कि स्थापना दिवस के अवसर पर तीनों संगठन महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालय की अन्य इकाईयों में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। पशु अनुसंधान केन्द्रों पर पशुपालकों हेतु जैविक पशुपालन एवं देशी गौवंश हेतु संरक्षण जागरूकता कार्यक्रम एवं पशुपालक गोष्ठियों का आयोजन किया गया। प्रसार शिक्षा निदेशालय के अन्तर्गत प्रदेश के विभिन्न जिलों में स्थित पशु विज्ञान केन्द्रों पर वैज्ञानिक पशुपालन हेतु पशुपालन संगोष्ठियां एवं पशु रोग निदान सेवा कार्यक्रमों को आयोजित किया गया। वेटरनरी गायनेकोलॉजी विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ. प्रमोद द्वारा लिखित पुस्तक ‘मूलभूत पशु प्रजनन‘ का विमोचन भी अतिथियों द्वारा किया गया। विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित वाद-विवाद प्रतियोगिता, निबंध लेखन प्रतियोगिता एवं विश्व पशुचिकित्सा दिवस पर आयोजित क्विज प्रतियोगिता के विजेता विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम के प्रारम्भ में डॉ. हेमन्त दाधीच, कार्यवाहक अधिष्ठाता द्वारा स्वागत भाषण दिया गया। प्रो. राजेश कुमार धूडिया, निदेशक प्रसार शिक्षा ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. प्रतिष्ठा शर्मा ने किया।
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