बीकानेर 31 दिसम्बर। वेटरनरी विश्वविद्यालय प्रदेश के तीन वेटरनरी कॉलेज, सात पशु अनुसंधान संस्थान और 14 पशु विज्ञान केंद्रों और निकटवर्ती गोशालाओं को गोबर से खाद और गोमूत्र से कीट नियंत्रक बनाने का प्रशिक्षण केंद्र बनाएगा। इन केंद्रों पर पशुपालकों एवं युवाओं को खाद और कीट नियंत्रक बनाने का अगले वर्ष से प्रशिक्षण दिए जाने की योजना है। वेटरनरी विश्वविद्यालय और राजस्थान गो सेवा परिषद के बीच इस आशय के एम.ओ.यू. को लेकर विश्वविद्यालय में आयोजित बैठक में यह तय किया गया कि पशु विज्ञान केंद्र अपनी निकटवर्ती गोशालाओं में प्रशिक्षण की एक डेमो यूनिट तैयार करेंगे। कुलपति प्रो. सतीश के. गर्ग ने विश्वविद्यालय स्तर पर प्रशिक्षण की आधारभूत संरचना का विश्लेषण किया। परिषद के राष्ट्रीय संयोजक प्रो. ए.के. गहलोत ने प्रदेश के सभी गांवों में से एक-एक युवक को गोबर एवं गौमूत्र से खाद और कीट नियंत्रक बनाने का प्रशिक्षण देने की कार्य योजना रखी। इस कार्य योजना के तहत गोबर से खाद और गो मूत्र से कीट नियंत्रक बनाने के नये उद्योग सेक्टर का सूत्रपात होगा। राज्य के सभी गांवों के पशुपालक एवं युवा प्रशिक्षण के बाद इनका उत्पादन शुरू कर सकेंगे। प्रसार शिक्षा निदेशक प्रो. राजेश कुमार धूड़िया ने इसी वित्तीय वर्ष में पशुपालकों व युवाओं को प्रशिक्षण देने की कार्य योजना रखी जिसे राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजने के बिंदुओं पर चर्चा की गई। प्रारंभ में परिषद अध्यक्ष हेम शर्मा ने परिषद के कार्यों की रूप रेखा प्रस्तुत की। गजेंद्र सिंह सांखला, अजय पुरोहित, प्रो. बृजनन्दन श्रृंगी ने भी सुझाव दिए।
Follow Us!