बीकानेर, 20 जनवरी। निदेशालय प्रसार शिक्षा, राजुवास बीकानेर एवं निदेशालय गोपालन, राजस्थान, जयपुर के संयुक्त तत्वावधान में पंजीकृत गौशालाओं के प्रबंधकों एवं डेयरी संचालकों का तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम शनिवार को सम्पन्न हुआ।समापन सत्र को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि डॉ. ए.साहू निदेषक राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान संस्थान, बीकानेर ने कहा कि राज्य में गौषालाएं, गौ संरक्षण एवं मानव कल्याण कार्य कर रही है। गौशालाओं के समुचित उत्थान हेतु हमें वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाना होगा। गाय के गोबर से जैविक खाद, अगरबत्ती आदि बना सकते है जो कि आमदनी का अतिरिक्त स्त्रोत होगा। निदेशक प्रसार शिक्षा प्रो. राजेश कुमार धूड़िया ने बताया कि इस तीन दिवसीय प्रशिक्षण में विषय विशेषज्ञों द्वारा गौशाला संचालकों को उन्नत गौपालन के विभिन्न आयामों पर प्रशिक्षण दिया गया। मुरली मनोहर गौशाला एवं लोट्स डेयरी, महाविद्यालय डेयरी फार्म का भ्रमण करवाया गया। ये प्रशिक्षण गौशालाओं के स्वालम्बी बनने एवं गौ-संवर्धन में अत्यन्त सहायक होगे। प्रशिक्षण में बीकानेर, चूरू, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ जिलों के 36 गौशाला संचालको ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। अध्यक्ष गौ-ग्राम सेवा संघ सूरजमल सिंह नीमराना ने भी गौशाला संचालकों को संबोधित किया। प्रशिक्षण समाप्ति पर प्रशिक्षार्थियों को प्रमाण-पत्र वितरित किये गये। समन्वयक डॉ. मनोहर सैन एवं सह-समन्वयक डॉ. संजय सिंह ने कार्यक्रम का संचालन किया।
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