राजस्थान पशुचिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, बीकानेर को अभिनव कॉस्मेटिक उत्पाद पर पेटेंट प्रदान किया गया हैं। पशुचिकित्सा और पशु विज्ञान महाविद्यालय नवानिया (उदयपुर) के एनाटॉमी विभाग के सहायक आचार्य डॉ. हेमन्त जोशी द्वारा सिरोही बकरी के दूध और प्राकृतिक तेलों जैसे जैतून, नारियल, करंज, और अरंडी के तेलों के सयोजन से अनूठे फार्मूले को विकसित कर कॉस्मेटिक उत्पाद बनाया गया जिसको भारतीय पेटेंट कार्यालय द्वारा “प्रसाधन सामग्री संघटन एवं प्राप्त करने की प्रक्रिया (कॉस्मेटिक कंपोजिशन एण्ड प्रोसेस टू ऑब्टेन देयरऑफ)” विषय पर राजुवास को पेटेंट प्रदान किया गया है जो कि 24 अप्रैल 2020 से 20 वर्षों को अवधि के लिए मान्य होगा। डॉ. जोशी ने बताया कि ये अविष्कार नेचुरल पदार्थों के संयोजन से तैयार किया गया है जो कि सिंथेटिक कॉस्मेटिक उत्पादों से होने वाले दुष्प्रभावों को कम करने में सहायक होगा। वेटरनरी विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य मनोज दीक्षित ने राजुवास परिवार एवं पेटेंट शोध की पूरी टीम को बधाई देते हुए कहा कि आज समाज को गुणवत्तापूर्ण शोध की आवश्यकता है। हमारे शोध का सीधा-सीधा लाभ आमजन एवं पशुपालकों को पहुंचाना ही हमारा उद्देश्य है। वेटरनरी विश्वविद्यालय के कई अन्य शोध भी पेटेंट हेतु प्रक्रियाधीन है। जिनकी शीघ्र हासिल होने की संभावना है। नवीन आविष्कार पेटेंट प्रक्रिया में निदेशक अनुसंधान प्रो. बी.एन. श्रृंगी, अधिष्ठाता प्रो. हेमन्त दाधीच, समन्वयक आई.पी.आर. सेल राजुवास डॉ. दिनेश जैन, लीगल एडवाईजर डॉ. भारती जैन का सहयोग रहा।
गांव बम्बलू में स्वास्थ्य जांच शिविर का हुआ आयोजन
बीकानेर 30 दिसम्बर। यूनिवर्सिटी-सोशल रिस्पांसिबिलिटी के तहत पशुचिकित्सा एवं पशु विज्ञान महाविद्यालय, बीकानेर द्वारा गोद लिए गांव बम्बलू में सोमवार को प्रभारी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र (बम्बलू) डॉ. समीर पंवार के निर्देशन में शिविर का आयोजन किया गया। शिविर के दौरान 84 ग्राम वासियों की स्वास्थ्य जांच कर मौसमी बीमारियों से बचाव हेतु सुझाव देकर आवश्यकता अनुसार दवाइयों का वितरण भी किया गया। डॉ. पंवार ने ग्राम वासियों को रक्त की कमी, कुपोषण से होने वाली बीमारियों इत्यादि के बचाव एवं उपचार के बारे में जागरूक किया। चिकित्सा शिविर का प्रबंधन डॉ. मैना कुमारी, समन्वयक यूनिवर्सिटी सोशल रिस्पांसिबिलिटी, राजुवास, बीकानेर के द्वारा किया। इस शिविर के आयोजन में जितेन्द्र सिंह (नर्सिंग अधिकारी), डॉ. सनी पंकज, डॉ. जगदीश, ग्राम सरपंच सुमित्रा देवी, हेतराम कुकणा, ग्राम विकास अधिकारी राजाराम चौधरी आदि ग्रामवासियों का सहयोग रहा।
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