जयपुर, 28 सितम्बर। आजादी का अमृत महोत्सव के अन्तर्गत आयोजित किये जा रहे कार्यक्रमों की श्रृंखला में 16वें विश्व रेबीज दिवस के अवसर पर बुधवार को स्नातकोत्तर पशुचिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (पी.जी.आई.वी.ई.आर.), जयपुर में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। छात्रों एवं पशुपालकों को रेबीज बीमारी के बारे में जागरूक करने के उद्देश्य से ’Awareness of society for rabies’ विषय पर एक सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार को संबोधित करते हुए संस्थान की अधिष्ठाता प्रो. (डॉ.) शीला चौधरी ने बताया कि लोगों को रेबीज बीमारी के प्रति जागरूक करने के लिये सर्वप्रथम 2007 में विश्व रेबीज दिवस मनाया गया था। उन्होंने बताया कि प्रतिवर्ष 28 सितम्बर को यह दिवस एक विशेष थीम के अन्तर्गत आयोजित किया जाता है। इस वर्ष का थीम ’’वन हेल्थ – जीरो डेथ’’ रखा गया है। आगे उन्होंने बताया कि श्वानों एवं अन्य जानवरों के द्वारा काटे जाने के बाद हमें तुरंत घाव को साबून या एन्टीसेप्टिक घोल से धोना चाहिये तथा उसके पश्चात् रेबीज रोग का टीकाकरण करवाना चाहिये। सेमिनार में वेटरनरी माईक्रोबायलॉजी विभाग के सहायक आचार्य डॉ. संदीप कुमार शर्मा ने सेमिनार के विषय पर पॉवर पॉईन्ट के माध्यम से रेबीज रोग के विभिन्न पहलुओं यथा इसके इतिहास, पशुओं एवं मनुष्यों में इसके लक्षण, टीकाकरण, रोकथाम आदि के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की। उन्होंने बताया कि रेबीज एक लाईलाज बीमारी है एवं इसकी रोकथाम ही इसका उपचार है। इसके लिये सभी को अपने पालतु पशुओं का समय पर टीकारण करवाना चाहिये तथा उन्हें जंगली जानवरों तथा आवारा पशुओं के सम्पर्क में आने से बचाना चाहिये। उन्होंने छायाचित्रों के माध्यम से पशुओं के विभिन्न बर्ताव को समझकर उसके अनुरूप पशुओं के साथ उचित व्यवहार करने के बारे में भी विस्तारपूर्वक चर्चा की। इस अवसर पर संस्थान के पशुचिकित्सा क्लिनिकल कॉम्प्लेक्स में प्रभारी, पशुचिकित्सा क्लिनिकल कॉम्प्लेक्स एवं विभागाध्यक्ष, पशुचिकित्सा औषधि विभाग प्रो. धर्म सिंह मीणा की नेतृत्व में इण्डियन इम्यूनॉलोजिक्लस् के सहयोग से पशुओं के लिये निःशुल्क रेबीज टीकाकरण शिविर का भी आयोजन किया गया। शिविर का उद्घाटन संस्थान की अधिष्ठाता प्रो. (डॉ.) शीला चौधरी ने किया। शिविर में कुल 36 पशुओं का स्वास्थ्य परीक्षण एवं निःशुल्क रेबीज टीकाकरण किया गया तथा पशुपालकों को रेबीज रोग के प्रति जागरूक किया गया। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अन्तर्गत संचालित परियोजना ’’पशु-जन्य रोग निदान, निगरानी एवं प्रतिक्रिया केन्द्र’’ द्वारा अधिष्ठाता महोदया के हाथों उन्हें रेबीज रोग से संबंधित लिफलेट एवं पम्पलेट्स भी वितरित किये गये। कार्यक्रम का संचालन डॉ. बरखा गुप्ता ने किया।
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