जयपुर, 21 अगस्त। स्नातकोत्तर पशुचिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (पी.जी.आई.वी.ई.आर.), जयपुर में बुधवार को विश्व उद्यमिता दिवस के अवसर पर ’’विकसित भारत में युवाओं की भूमिका’’ विषय पर एक व्याख्यान का आयोजन किया गया। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद्, जयपुर महानगर के प्रान्त संगठन मंत्री श्रीमान् पूरन सिंह ने विद्यार्थियों को इस अवसर पर विकसित भारत निर्माण में युवाओं की भूमिका पर अपने विचार व्यक्त किये। उन्होंने बताया कि आजादी के उपरान्त राष्ट्र पुनर्निर्माण में युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। वर्तमान में हमारे देश की कुल जनसंख्या में 65 प्रतिशत आबादी युवाओं की है। किसी भी सरकार तथा निजी क्षेत्रों के लिये सभी युवाओं को नौकरी प्रदान कर पाना सम्भव नहीं है। अतः उद्यमिता के द्वारा ही स्वरोजगार के माध्यम से इस बेरोजगारी की समस्या का समाधान किया जा सकता है। आगे उन्होंने बताया कि लघु और कूटीर उद्योगों के माध्यम से विशेषकर गा्रमीण क्षेत्रों में रोजगार के अनेकों अवसर उपलब्ध कराये जा सकते हैं। उन्होंने विभिन्न क्षेत्रां में सफल उद्यमियों का उदाहरण प्रस्तुत कर विद्यार्थियों को उद्यमिता के लिये प्रेरित किया तथा देश की प्रगति में अपना योगदान देने की अपील की। उनका विचार था कि हम किसी पर आश्रित न रहकर सभी को आश्रय प्रदान करने का काम करें। अगर हम एक लक्ष्य निर्धारित कर उसे प्राप्त करने के लिये मेहनत करें तो हमें सफलता अवश्य मिलेगी। इससे पहले संस्थान के अधिष्ठाता आचार्य धर्म सिंह मीणा ने पुष्पगुच्छ से अतिथियों को स्वागत किया तथा सभी को विश्व उद्यमिता दिवस की बधाई दी। उन्होंने अपने सम्बोधन में कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य उद्यमिता के माध्यम से विद्यार्थियों के बीच नवाचार की संस्कृति को बढ़ावा देना है। उद्यमिता न सिर्फ नौकरी पैदा करने के लिये है बल्कि समस्या निवारण और आर्थिक विकास का अभिन्न हिस्सा है। आज का दिन उन सभी उद्यमियों को समर्पित है जिन्होंने नये विचार, नये व्यवसाय मॉडल्स और साहसपूर्ण कदमों के साथ नये क्षेत्रों में काम किया तथा लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान किये। पशुपालन के क्षेत्र में उद्यमिता के अवसरों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में इसकी असीम सम्भावनाएं उपलब्ध हैं। हमारे विद्यार्थियों को चाहिये कि किसी एक विशेष क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल कर उसमें उद्यमिता की शुरूआत करें। आज हम सभी संकल्प ले कि देश के नवनिर्माण में अपना महत्वपूर्ण योगदान देंगे। मंच संचालन डॉ. बरखा गुप्ता ने किया।
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