बीकानेर 09 अक्टूबर। राजस्थान पशुचिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, बीकानेर एवं अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षणिक महासंघ, राजस्थान (उच्च शिक्षा) के संयुक्त तत्वावधान में बुधवार को लोकमाता देवी अहिल्याबाई होल्कर के त्रिशताब्दी जन्म जयन्ती वर्ष के उपलक्ष में व्याख्यान कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति राजुवास आचार्य मनोज दीक्षित ने की। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता योगेन्द्र, क्षेत्रिय सह सम्पर्क प्रमुख ने माता अहिल्या बाई की जीवनी का विस्तृत वर्णन करते हुए उनके जीवन के त्याग, संघर्ष, तप, आदर्शो के बारे में जानकारी प्रदान की। उन्होने बताया कि अहिल्या बाई एक कुशल प्रबंधक, राजनीतिज्ञ, समाज सेविका, समाज सुधारक एवं उच्च आदर्शो की मिशाल थी। उन्होने अपने समय काल में देश में विभिन्न मन्दिरों एवं तीर्थ स्थलो का निर्माण, जिर्णोधार करवाया। समाज में व्याप्त कुरीतियों का विरोध करते हुए महिला स्वावलम्बन एवं आर्थिक उद्धार के कार्य किया। यह देश हमेशा उनके कृत्यों का श्रृणी रहेगा। कुलपति आचार्य मनोज दीक्षित ने अपने व्याख्यान में कहा कि माता अहिल्या बाई ने बहुत ही सरल एवं सहज तरीके से जीवन के उतार-चढ़ाव का सामना करते हुए अपने कर्तव्यों का कुशलता पूर्वक निर्वाह किया। भगवान शिव की उपासक माता अहिल्या बाई देश की आजादि के पूर्व विपरित परिस्थियों में भी सुशासन, सुसंस्कृति का संदेश दिया। हमें उनके जीवन आदर्शो को अपनाते हुए कार्य करने चाहिए एवं देश हित में योगदान देना चाहिए। व्याख्यान माला में डॉ. दिग्विजय सिंह ने भी अपने विचार व्यक्त किए। डॉ. नरेन्द्र सिंह राठौर ने विषय प्रवर्तन किया। अधिष्ठाता प्रो. हेमन्त दाधीच ने धन्यवाद व्यक्त किया। कार्यक्रम के दौरान वेटरनरी विश्वविद्यालय के डीन-डॉयरेक्टर, फैकल्टी सदस्य विद्यार्थियों के साथ-साथ डूंगर महाविद्यालय एवं महारानी कॉलेज, बीकानेर के शिक्षकगण भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम के दौरान मंच संचालन डॉ. जे.पी. कच्छावा ने किया।
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