जयपुर, 12 जनवरी। स्नातकोत्तर पशुचिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (पी.जी.आई.वी.ई.आर.), जयपुर में आजादी के अमृत महोत्सव के अन्तर्गत स्वामी विवेकानन्द जी की 161वीं जयन्ती पर ’’राष्ट्रीय युवा दिवस’’ का शुक्रवार को समारोहपूर्वक आयोजित किया गया। कार्यक्रम के प्रारंभ में संस्थान के कार्यवाहक अधिष्ठाता प्रो. (डॉ.) रोहिताश दाधीच ने स्वामी विवेकानन्द केन्द्र से पधारे हुए सम्मानीत अतिथियों को स्वागत किया एवं 12 जनवरी, 1985 से भारत में मनाये जाने वाले राष्ट्रीय युवा दिवस के इतिहास पर चर्चा की। कार्यक्रम के अतिथि श्री महेश मोदी, व्यवसायी एवं स्वामी विवेकानन्द केन्द्र के सम्पर्क प्रमुख ने अपने उद्बोधन में स्वामी विवेकानन्द जी द्वारा 11 सितम्बर, 1993 में अमेरिका के शिकागो में हुए विश्व धार्मिक सम्मेलन में दिये गये भाषण पर चर्चा की तथा कहा कि युवा भारत का वर्तमान है एवं युवा अपना आचरण अच्छा रखे, जिससे देश का प्रत्येक नागरिक अपने आप को सुरक्षित महसूस करें। कार्यक्रम के अतिथि श्री ओम प्रकाश गुप्ता, सेवानिवृत्त, एक्स.ई.एन एवं स्वामी विवेकानन्द केन्द्र के केन्द्र प्रमुख ने स्वामी विवेकानन्द द्वारा भारत के युवाओं को किये गये आह्वान का पठन किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री श्याम सुन्दर बिस्सा, सेवानिवृत्त आई.ए.एस. एवं वर्तमान अध्यक्ष स्वामी विवेकानन्द केन्द्र, जयपुर ने अपने उद्बोधन में संस्थान के विद्यार्थियों एवं शिक्षकों को स्वामी विवेकानन्द जी के आदर्शो पर चलते हुए एक-दूसरे के विचारों का सम्मान करने की बात रखी। छात्रों को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जीवन की सार्थकता तब है जब व्यक्ति निस्वार्थ भाव से समाज एवं देश के लिये अपना योगदान देता रहे। इस क्रम में उन्होंने बताया कि कर्मयोग का भाव व्यक्ति के जीवन में होना आवश्यक है। अपने उद्बोधन में श्री बिस्सा ने कहा कि मनुष्य वह है जिसमें करूणा, निस्वार्थ एवं विनम्रता के साथ ईमानदारी का भाव हो। कार्यक्रम के अतिथि श्री चेतन प्रकाश गोयल, सदस्य, स्वामी विवेकानन्द केन्द्र, जयपुर ने कार्यक्रम के अन्त में सभी सहभागियों को शांति मंत्र का पाठ करवाया। डॉ. मोनिका करनानी ने मंच संचालन किया तथा कार्यवाहक सहायक अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ. सुरेन्द्र सिंह शेखावत ने सभी आगन्तुकों का धन्यवाद ज्ञापित किया।
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