जयपुर, 15 नवम्बर, 2022। आजादी का अमृत महोत्सव के अन्तर्गत आयोजित किये जा रहे कार्यक्रमों की श्रृंखला में मंगलवार को स्नातकोत्तर पशुचिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (पी.जी.आई.वी.ई.आर.), जयपुर में भगवान बिरसा मुंडा की जयन्ती को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में समारोहपूर्वक मनाया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संस्थान की अधिष्ठाता प्रो. (डॉ.) शीला चौधरी ने बताया कि देश में आदिवासी समाज की समृद्ध संस्कृति एवं विरासत, धरोहर और उनके द्वारा दिये गये राष्ट्र निर्माण में योगदान को याद करने के लिये पिछले वर्ष केन्द्र सरकार ने धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की जयन्ती को देश में जनजातीय गौरव दिवस के रूप में बनाने का निर्णय लिया था। आगे उन्होंने बताया कि आने वाली पीढ़ियों को देश के लिये आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान को बताने, उनकी विरासत को आगे बढ़ाने तथा आदिवासी संस्कृति, कला और समृद्ध आदिवासी विरासत के संरक्षण के लिये प्रेरित करने के उद्देश्य से यह दिवस मनाया जाता है। वर्तमान में आदिवासी समुदाय की युवा लड़कियों को शिक्षित करने के लिये सरकारों द्वारा अनके प्रकार के कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं। इसी का परिणाम है कि आज एक आदिवासी महिला देश के र्स्वोच्च पद पर आसीन है। वामपंथी नक्सलवाद को समाप्त कर आदिवासी युवा लड़कों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ना अत्यन्त आवश्यक है। प्रो. (डॉ.) धर्म सिंह मीणा, विभागाध्यक्ष, पशुचिकित्सा औषधि विभाग एवं अधिष्ठाता, सी.डी.एफ.टी., बस्सी ने बिरसा मुंडा एवं उनके जैसे और अन्य वीर आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान पर विस्तारपूर्वक प्रकाश डाला। उन्होंने बिरसा मुंडा के जन्म, ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के विरूद्ध उनके संघर्ष तथा धरती आबा तक उनके यात्रा पर विस्तारपूर्वक चर्चा की। उन्होंने अन्य आदिवासी सेनानियों जैसे टंट्या भील, गोविन्द गिरि, भीमा नायक आदि के जीवनकाल एवं स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान पर भी प्रकाश डाला। प्रो. (डॉ.) गोविन्द सहाय गौतम, विभागाध्यक्ष, पशु शरीर क्रिया विज्ञान एवं जैव-रसायनिकी विभाग ने भी समारोह को संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ. वाई.पी. सिंह, सहायक अधिष्ठाता छात्र कल्याण ने किया। इस कार्यक्रम में संस्थान तथा सी.डी.एफ.टी. महाविद्यालय के विद्यार्थियों, संकाय सदस्यों तथा कर्मचारियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
अधिष्ठाता
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