जयपुर, 28 दिसम्बर, 2022। भारत की आजादी के 75वें वर्ष में मनाए जा रहे अमृत महोत्सव के अन्तर्गत कार्यक्रमों की श्रृंखला में बुधवार को स्नातकोत्तर पशुचिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (पी.जी.आई.वी.ई.आर.), जयपुर में विवेकानन्द संदेश यात्रा, राजस्थान का पुष्प वर्षा से स्वागत एवं स्वामी विवेकानन्द के संदेशों पर व्याख्यान आयोजित किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संस्थान की अधिष्ठाता प्रो. (डॉ.) शीला चौधरी ने संदेश यात्रा के सदस्यों का स्वागत किया व स्वामी विवेकानन्द के संदेश का उद्बोधन कर उनके बताये आदर्शो को अपनाने पर जोर दिया। श्री के.सी. गुप्ता ने बताया कि विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमारी के 50वें वर्ष में आयोजित 50 दिवसीय सन्देश यात्रा 19 नवम्बर, 2022 को झुन्झुनू जिले के खेतड़ी स्थित रामकृष्ण मिशन कार्यालय से प्रारंभ हुई जो राजस्थान के सभी जिला मुख्यालय से होते हुए 07 जनवरी, 2023 को जोधपुर में समाप्त होगी। इस यात्रा का उद्देश्य स्वामीजी के सन्देशों को जन-जन तक पहॅुचाना है। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता विवेकानन्द कन्याकुमार राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष श्री प्रवीण डाकेलकर ने स्वामी विवेकानन्द के जीवन पर व्याख्यान दिया। उन्होंने बताया कि किस प्रकार शिष्य नरेन्द्रनाथ दत्त गुरू रामकृष्ण परमहंस से संवाद के बाद स्वामी विवेकानन्द बने। उन्होंने स्वामीजी के सर्व धर्म संसद में दिये गये भाषण व उसके बाद कन्याकुमारी स्थित श्रीपाद शिला पर भारत के उत्थान के लिये तीन दिवसीय ध्यान चिन्तन पर प्रकाश डालते हुए स्वामीजी के भारत यात्रा के दौरान आत्मविश्वास खो चुके समाज व उसके उत्थान के लिये समाज में व्याप्त धर्म की विकृत संकल्पना को ठीक करना व संगठित होकर अध्यात्म द्वारा मनुष्य निर्माण से राष्ट्र निर्माण के संदेश पर व्याख्यान प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ. वाई.पी. सिंह, सहायक अधिष्ठाता छात्र कल्याण ने किया। इस कार्यक्रम में विवेकानन्द संदेश यात्रा, राजस्थान समिति के श्री अशोक खण्डेलवाल, प्रभारी विवेकानन्द सन्देश यात्रा, श्री भगवान सिंह, राजस्थान प्रान्त प्रमुख तथा संस्थान के विद्यार्थी, संकाय सदस्य एवं कर्मचारी उपस्थिति रहे।
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