जयपुर, 18 मई। स्नातकोत्तर पशुचिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (पी.जी.आई.वी.ई.आर.), जयपुर में शनिवार को राजस्थान पशुचिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय (राजुवास), बीकानेर का 15वां स्थापना दिवस बडे हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस दिवस के अवसर पर संस्थान में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। संस्थान के सभागार में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में समारोह के मुख्य अतिथि डॉ. अरूण कुमार तोमर, निदेशक, केन्द्रीय भेंड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान, अविकानगर ने उपस्थित सभी को राजुवास स्थापना दिवस की शुभकामनाएं प्रेषित की। उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि यह ज्ञान अर्जन और सीखने की जगह है। यह वह स्थान है जिसने हमारे राज्य ही नहीं अपितु देश को अच्छे पशुचिकित्सक, शिक्षक तथा शोधकर्ता प्रदान किये हैं। एक संस्था को सफल बनाने में वहां कार्यरत सभी कर्मियों यथा शिक्षक, कर्मचारी, विद्यार्थी आदि का महत्वपूर्ण योगदान रहता है। कृषि और पशुपालन की महत्ता पर अपने विचार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि इन दोनों का गठबंधन अत्यन्त अद्वितीय है और अगर इस पृथ्वी पर कोई जीवित है तो उसमें इसका महत्वपूर्ण योगदान है। हमें गुणवान, निष्ठावान तथा समर्पित होकर किसानों की उन्नति के लिये कार्य करते रहना चाहिए। अन्त में उन्होंने इस विश्वविद्यालय की सपनों की सफलता के लिये शुभकामनाएं प्रेषित की। इससे पहले संस्थान की अधिष्ठाता प्रो. शीला चौधरी ने सभी आगन्तुकों का स्वागत किया तथा उन्हें राजुवास के 15वें स्थापना दिवस की शुभकामनाएं प्रेषित की। उन्होंने सभी के समक्ष राजुवास के विभिन्न संस्थानों, शोध तथा प्रसार इकाईयों आदि का वर्णन करते हुए विश्वविद्यालय का विस्तृत परिदृश्य प्रस्तुत किया। उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा पशुविज्ञान के क्षेत्र में अर्जित उपलब्धियों तथा पशुपालकों के लिये किये गये महत्वपूर्ण कार्यो की जानकारी साझा की। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ने राज्य को दुध, मांस और ऊन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाकर पूरे देश में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाया है। उन्होंने कहा कि पशुओं की चिकित्सा के साथ-साथ जूनोटिक रोगों की रोकथाम तथा मानव स्वास्थ्य की रक्षा में भी हमारा महत्वपूर्ण योगदान है। इस विश्वविद्यालय से शिक्षित विद्यार्थी देश-विदेशों में ख्याति प्राप्त संस्थानों में अपना योगदान देकर इसका नाम रोशन कर रहे हैं। इस अवसर पर संस्थान के पशुपोषण विभाग द्वारा ’’विभिन्न ऋतुओं में पशुओं को वैज्ञानिक तरीके से प्रबन्धन’’ विषय पर प्रकाशित फोल्डर का भी विमोचन किया गया। संस्थान में खेलकूद और सांस्कृतिक सप्ताह ’’उमंग-2024’’ के दौरान आयोजित किये गये विभिन्न प्रतियोगिताओं तथा वर्ष भर विभिन्न उपलक्षों पर आयोजित प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरूस्कृत कर उनका उत्साहवर्धन किया गया। विद्यार्थियों ने रंगारंग गीत और नृत्य प्रस्तुत कर इस कार्यक्रम को और अधिक यादगार बना दिया। इससे पहले संस्थान परिसर के विभिन्न हिस्सों में अधिष्ठाता तथा शैक्षणिक एवं अशैक्षणिक कार्मिकों द्वारा पक्षियों के लिये परिण्डे बाँधे गये जिससे उन्हें इस तपती गर्मी में पेयजल सुगमता से उपलब्ध हो सके। कार्यक्रम का आयोजन सहायक अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ. वाई.पी. सिंह की देखरेख में सम्पन्न हुआ तथा मंच संचालन डॉ. बरखा गुप्ता ने किया।
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