जयपुर, 02 जुलाई। स्नातकोत्तर पशुचिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (पी.जी.आई.वी.ई.आर.), जयपुर में राजस्थान पशुचिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, बीकानेर तथा पशुपालन विभाग राजस्थान सरकार के संयुक्त तत्वाधान में पशुचिकित्सकों हेतु एक्स-रे एवं सोनोग्राफी इकाई संचालन व पशु रोग निदान क्षमता को अधिक गुणवत्तापूर्ण बनाने के लिये दिनांक 02.07.2024 से 06.07.2024 तक आयोजित होने वाले निशुल्क पाँच दिवसीय रिफ्रेशर प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ माननीय कुलपति, राजस्थान पशुचिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, बीकानेर प्रो. (डॉ.) सतीश के. गर्ग एवं अतिरिक्त निदेशक (जयपुर रेंज), पशुपालन विभाग, जयपुर डॉ. दिनेश कुमार राणा द्वारा संस्थान में किया गया। कार्यक्रम के शुभारंभ में अधिष्ठाता महोदया प्रो. (डॉ.) शीला चौधरी द्वारा माननीय कुलपति एवं अतिरिक्त निदेशक (जयपुर रेंज) को पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत एवं अभिनन्दन किया। कार्यक्रम के आरंभ में अधिष्ठाता महोदया द्वारा माननीय कुलपति एवं अतिरिक्त निदेशक (जयपुर रेंज) का संस्थान को इस कार्यक्रम को आयोजित करने का अवसर प्रदान करने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया। अधिष्ठाता महोदया ने अपने उद्बोधन में बताया कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम पाँच दिनों तक संस्थान के शिक्षकों द्वारा सम्पन्न करवाया जायेगा। इस कार्यक्रम हेतु पशुपालन विभाग के डॉ. भारती जोशी, पशुचिकित्सका अधिकारी, डॉ. राकेश कुमार शर्मा, पशुचिकित्सका अधिकारी, डॉ. धन्नाराम जागिंड़, वरिष्ठ पशुचिकित्सा अधिकारी, डॉ. धर्मेन्द्र मीणा, पशुचिकित्सा अधिकारी एवं डॉ. अनुज तोमर, पशुचिकित्सका अधिकारी संस्थान में प्रशिक्षणार्थी के रूप में उपस्थित रहे। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि अतिरिक्त निदेशक (जयपुर रेंज) ने अपने उद्बोधन में प्रशिक्षणार्थियों तथा शिक्षकों एवं विद्यार्थियों को अपने अभिभाषण में बताया कि पशुचिकित्सा को उत्कृष्ट बनाने के लिए सभी औजारों एवं तकनीकों का उन्नयन एवं अद्यतन करना आवश्यक है, इस हेतु बोद्धिक एवं प्रशिक्षणों का समावेश आवश्यक है। पशुचिकित्सा संकुल के प्रभारी डॉ. वाई.पी. सिंह द्वारा कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी दी गई जिसमें विभिन्न दिनों में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों के बारे में बताया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि माननीय कुलपति, राजुवास, बीकानेर ने संस्थान के अधिष्ठाता द्वारा आगे बढकर कार्यक्रम आयोजित करने के लिये प्रशंसा की तथा भविष्य में भी इस प्रकार के कार्यक्रम आयोजित करने की सलाह दी। उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित सभी आगुन्तकों को बताया कि अगर आप दृढ़ निश्चय, संकल्प एवं सर्म्पण से कार्य करेंगे तो निश्चित ही सफल होंगे। कार्यक्रम में उपस्थित विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए माननीय कुलपति ने कहा कि भारत में श्वानों हेतु फूड का बाजार लगभग हजार करोड़ अमेरिकी डॉलर है तथा अगले दस वर्षो में यह बाजार तीन गुना से ज्यादा बढ़ने वाला है। अतः विद्यार्थी केवल सरकारी नौकरी पर ध्यान ना देकर इस प्रकार के व्यवसाय में अवसर खोजे। प्रशिक्षण हेतु उपस्थित प्रशिक्षणार्थियों को पाँच दिवसीय प्रशिक्षण का लाभ लेते हुए अपने क्षेत्रीय अनुभवों को साझा करने के लिए भी प्रेरित किया। कार्यक्रम के अन्त में प्रो. (डॉ.) धर्म सिंह मीणा ने माननीय कुलपति, अतिरिक्त निदेशक (जयपुर रेज), संकाय सदस्यों, पशुपालन विभाग प्रशिक्षणार्थियों एवं विद्यार्थियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। प्रशिक्षण कार्यक्रम के अतिरिक्त माननीय कुलपति ने संस्थान में इण्डियन ऑयल के सी.एस.आर. मद में दान की गई हिमोडायलेसिस मशीन का उद्घाटन किया तथा कहा कि इस मशीन से क्षेत्र के पशुपालक लाभान्वित होंगे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. बरखा गुप्ता ने किया।
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