जयपुर, 26 मई। स्नातकोत्तर पशुचिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (पी.जी.आई.वी.ई.आर.), जयपुर के पशुचिकित्सा संकुल में गोयल वेट फार्मा के सौजन्य से सोमवार को निःशुल्क एक दिवसीय पशुचिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में श्री मुकेश त्यागी, एरिया सेल्स मैनेजर, गोयल वेट फार्मा ने स्वागत भाषण दिया व अपनी कंपनी के बारे में जानकारी साझा की। शिविर में मुख्य अतिथि के रूप में राजस्थान पशुचिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, (जोबनेर) जयपुर के माननीय कुलगुरू प्रो. (डॉ.) त्रिभुवन शर्मा ने हौम्योपैथिक दवा के जनक हैनीमैन के योगदान को याद करते हुए बताया की पशुचिकित्सा क्षेत्र में होम्योपैथिक दवाई के प्रचार-प्रसार की आवश्यकता है। उन्होने बताया की होम्योपैथी एक अलग चिकित्सा व्यवस्था है जिसकी दवाईयों के प्रयोग से निश्चित ही पशुपालक भाई-बहन लाभान्वित हो सकेगें। साथ ही कुलगुरू ने संकाय सदस्यों ओर उपस्थित विद्यार्थियों का भी प्रोत्साहन एवं उत्साहवर्धन किया। कार्यक्रम के दौरान संकाय अध्यक्ष व अधिष्ठाता प्रो. (डॉ.) धर्म सिंह मीना ने अपने संबोधन में बताया की होम्यौपैथिक दवाई एक विकल्प चिकित्सा पद्धति है जोकि आज के समय में एटींबायोटिक प्रतिरोध के लिए बहुत ही अच्छी वैकल्पिक व्यवस्था साबित हो सकती है। प्रभारी, पशुचिकित्सा क्लिनिक संकुल, डॉ. सुरेश कुमार झीरवाल ने समय-समय पर लगाए गए ऑन कैपंस एवं ऑफ कैपंस पशुचिकित्सा शिविरो की जानकारी साझा की। कार्यक्रम में संस्था के संकाय सदस्य तथा छात्र-छात्राएँ उपस्थित रहे। शिविर के दौरान मंच संचालन डॉ. चन्द्रशेखर सारस्वत द्वारा किया गया। कार्यक्रम के अन्त में डॉ. रश्मि सिहं के द्वारा सभी गणमान्य अतिथियों, उपस्थित संकाय सदस्य, विद्यार्थियों एवं प्रेस मिडिया का आभार व्यक्त किया गया। इसके बाद अतिथियों द्वारा होम्योपैथिक दवा स्टॉल का अवलोकन किया गया। शिविर में पशुपालकों ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया।
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