जयपुर, 17 दिसम्बर। स्नातकोत्तर पशुचिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (पी.जी.आई.वी.ई.आर.), जयपुर का 11वां स्थापना दिवस शनिवार को समारोहपूर्वक आयोजित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. भवानी सिंह राठौड़, निदेशक, पशुपालन विभाग (राजस्थान सरकार)़ ने अपने उद्बोधन में सभी को स्थापना दिवस की शुभकामनाएं दी तथा संस्थान के उज्जवल भविष्य की कामना की। उन्होंने संस्थान के विकास हेतु पशुपालन विभाग से हर सम्भव सहयोग का विश्वास दिलाया। छात्रों को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आप सभी तनाव मुक्त होकर अपनी सम्पूर्ण क्षमता के अनुरूप शिक्षा ग्रहण कर अपने भविष्य को उज्जवल करें। आप सभी को अपने पशुचिकित्सा प्रोफेशन के प्रति गर्व एवं समर्पित होना चाहिये। आगे उन्होंने कहा कि जीवन में सफलता के लिये परिश्रम के साथ-साथ अनुशासन अति आवश्यक है। उन्होंने बताया कि जीवन में सफलता के लिये आवश्यक है कि आपमें ज्ञान के लिये मृत्युपर्यन्त सीखने की ललक हो। उन्होंने अपने छात्र जीवन की यादें तथा अनुभव विद्यार्थियों के साथ साझा करते हुए कहा कि आप सभी अपने जीवन के स्वर्णिम समय में हैं।
इससे पहले संस्थान की अधिष्ठाता प्रो. (डॉ.) शीला चौधरी ने अपने स्वागत अभिभाषण में अतिथियों का स्वागत करते हुए सभी को संस्थान के 11वें स्थापना दिवस की शुभकामनाएं प्रेषित की। उन्होंने संस्थान के ऐतिहासिक सफर का संक्षिप्त वर्णन किया तथा विगत दस वर्षों में संस्थान द्वारा की गई प्रगति एवं विद्यार्थियों द्वारा अर्जित उपलब्धियों के बारे में विस्तारपूर्व चर्चा की। उन्होंने बताया कि इस संस्थान के स्नातक विद्यार्थियों ने हमेशा ही विश्वविद्यालय स्तर पर शीर्ष पांच में अपना स्थान अर्जित किया है। संस्थान से अभी तक दो स्नातक बैच अपनी डिग्री प्राप्त कर चुका है। इन दोनों ही बैचों के विद्यार्थियों ने यूनिवर्सिटी टोप कर गोल्ड मेडल प्राप्त किया है। पिछले वर्ष संस्थान के 16 स्नातक विद्यार्थियों ने आई.सी.ए.आर. (पी.जी.) परीक्षा में सफलता हासिल कर देश के विभिन्न प्रतिष्ठित संस्थानों में स्नातकोत्तर शिक्षा के लिये प्रवेश लिया। 12 स्नातकोत्तर विद्यार्थियों ने आई.सी.ए.आर. की राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (NET) में सफलता हासिल की। पशुपालन डिप्लोमा पाठ्यक्रम के विद्यार्थी भी इस कड़ी में पीछे नहीं रहें तथा विश्वविद्यालय स्तर पर मेरिट में स्थान प्राप्त किया। संस्थान के पूर्व छात्रों ने भी कार्यक्रम को सम्बोधित किया तथा अपने व्यक्तिगत अनुभव साझा करते हुए अपना स्वयं का उद्यम स्थापित करने के लिये विद्यार्थियों को प्रेरित किया।
कार्यक्रम में डॉ. तपेश माथुर, संयुक्त निदेशक, गोपालन निदेशालय (राजस्थान सरकार), प्रो. (डॉ.) डी.एस. मीणा, अधिष्ठाता, डेयरी एवं खाद्य प्रोद्यौगिकी महाविद्यालय, बस्सी तथा संस्थान के शैक्षणिक एवं अशैक्षणिक कर्मचारी, पूर्व विद्यार्थी, विद्यार्थी आदि उपस्थित रहे। डॉ. बरखा गुप्ता ने मंच संचालन किया तथा डॉ. वाई.पी. सिंह, सहायक अधिष्ठाता छात्र कल्याण ने सभी आगन्तुकों का धन्यवाद ज्ञापित किया।
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