बीकानेर, 22 फरवरी। पशु जैव चिकित्सकीय अपशिष्ट निस्तारण तकनीकी केंद्र, राजुवास, बीकानेर द्वारा पशुपालन विभाग, बीकानेर संभाग के हनुमानगढ़ व गंगानगर जिले के विभिन्न पशु चिकित्सालयों व पशु उपकेन्द्रों पर कार्यरत पशुधन सहायकों का पशु जैव चिकित्सकीय अपशिष्ट के उचित प्रबंधन और निस्तारण विषय पर एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर बुधवार को आयोजित किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए केन्द्र की प्रमुख अन्वेषक डॉ. दीपिका धूड़िया ने कहा कि पशुधन सहायकों को जैव चिकित्सकीय अपशिष्ट का निस्तारण पूरी जिम्मेदारी एवं सावधानी के साथ करना चाहिए ताकि कार्यस्थल के साथ-साथ वातावरण भी स्वस्थ रखा जा सके। समापन अवार पर डॉ. हुकमा राम अतिरिक्त निदेशक, पशुपालन विभाग, बीकानेर ने बताया कि जूनौटिक रोगों के रोकथाम के लिए पशुचिकित्सकीय अपशिष्ट का उचित प्रबंधन एवं निस्तारण किया जाना जरूरी है। उप-निदेशक, पशुपालन विभाग, बीकानेर डॉ. गीता बेनीवाल ने कहा कि पशुओं के रोग निदान और उपचार कार्यों में चिकित्सकीय अपशिष्ट का सही निस्तारण मानव और पशु जगत के स्वास्थ्य के लिए अत्यंत आवश्यक है। डॉ. दीपिका धूड़िया, डॉ. मनोहर सेन व डॉ. महेंद्र तंवर ने पशु जैव चिकित्सकीय अपशिष्ट के उचित प्रबंधन एवं निस्तारण विषय पर व्याख्यान प्रस्तुत किए। प्रशिक्षण में देवेंद्र चौधरी ने पशु जैव चिकित्सकीय अपशिष्ट के पृथक्करण व निस्तारण का प्रायोगिक विवरण दिया। प्रशिक्षण में 30 पशुधन सहायकों ने भाग लिया। प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण के उपरान्त प्रमाण-पत्र भी प्रदान किये गये।
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