बीकानेर, 23 जून। वेटरनरी विश्वविद्यालय के अनुसंधान निदेशालय के अंतर्गत कार्यरत पशु अनुसंधान केन्द्रों की कार्ययोजना एवं प्रगति की समीक्षा बैठक शुक्रवार को कुलपति प्रो. सतीश के. गर्ग की अध्यक्षता में आयोजित की गई। कुलपति प्रो. गर्ग ने बैठक को सम्बोधित करते हुए कहा कि राज्य की 6 प्रमुख देशी गौवंश राठी, थारपारकर, गीर, साहीवाल, कांकरेज एवं मालवी उन्नत नस्लों के संवर्द्धन व उन्नयन का कार्य इन अनुसंधान केन्द्रों पर किया जा रहा है। कुलपति प्रो. गर्ग ने सभी पशु अनुसंधान केन्द्रों के प्रभारी अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि पशुधन अनुसंधान केन्द्रों पर उन्नत सांडो के सीमन का उपयोग कर कृत्रिम गर्भाधान को बढ़ावा देना होगा। पशु अनुसंधान केन्द्रों पर कम उत्पादकता वाले पशुओं को समय-समय पर नीलामी कर फार्मो के उत्पादन स्तर को बढ़ावा देना होगा। कुलपति ने सभी प्रभारी अधिकारियों को पशु अनुसंधान केन्द्रों पर उपलब्ध भूमि का समुचित उपयोग, पशुचारा उत्पादन को बढ़ाने, उन्नत पशुशाला प्रबन्धन द्वारा पशुओं की उत्पादकता बढ़ाने एवं विभिन्न मदों के तहत जारी बजट राशि का समुचित उपयोग करने हेतु निर्देश दिये। समीक्षा बैठक में पशु अनुसंधान केन्द्रों के प्रभारी अधिकारियों द्वारा अवगत करवाई गई विभिन्न समस्याओं के निराकरण हेतु भी सुझाव दिये गये। बैठक में पशु अनुसंधान केन्द्र बीकानेर, कोडमदेसर, बीछवाल, चांँदन, नोहर, बल्लभनगर, बोजुंदा, डग एवं सरमथुरा (धौलपुर) के प्रभारी अधिकारियों ने अनुसंधान केन्द्रों के प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत किए। अनुसंधान निदेशक प्रो. हेमन्त दाधीच ने समीक्षा बैठक का संचालन करते हुए प्रगति विवरण प्रस्तुत किया। बैठक में अधिष्ठाता, वेटरनरी कॉलेज प्रो. ए.पी. सिंह, निदेशक प्रसार शिक्षा प्रो. राजेश कुमार धूड़िया सहित विभिन्न केन्द्रों के प्रभारी प्रो. कुलदीप नेहरा, डॉ. मुकेश चन्द शर्मा, डॉ. विजय बिश्नोई, डॉ. विष्णु विजय, डॉ. सीताराम गुप्ता, डॉ. टीकम गोयल, डॉ. महेन्द्र सिंह मील, डॉ. वीरेन्द्र कुमार, डॉ. राकेश खींची व डॉ. अशोक डांगी उपस्थित रहे।
Follow Us!