बीकानेर 21 अक्टूबर। वेटरनरी विश्वविद्यालय के संघटक महाविद्यालय पी.जी.आई.वी.ई. आर., जयपुर की पशुजन्य रोग नियन्त्रण एवं निगरानी केन्द्र को भारत सरकार के फिश्रीज, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय ने पशुओं में लम्पी स्किन बीमारी की जांच एवं अनुसंधान के लिए अधिकृत किया है। पशु जन्य रोग नियन्त्रण एवं निगरानी केन्द्र के मुख्य अन्वेषक प्रो. धर्म सिंह मीना ने बताया कि गत माह भारत सरकार की सदस्य टीम ने केन्द्र का दौरा किया एवं यहां स्थित जांच सुविधाओं एवं कार्यप्रणाली का अवलोकन एवं निरिक्षण किया। वेटरनरी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सतीश के गर्ग ने बताया कि राज्य सरकार के सहयोग से केन्द्र को यह मान्यता मिली है इस केन्द्र द्वारा लम्बी स्किन बीमारी एवं अन्य संक्रामक बीमारियों की जांच समय पर हो जाने से रोग की संक्रामकता एवं उससे होने वाले नुकसान को कम किया जा सकेगा एवं पशुपालकों को आर्थिक नुकसान से बचाया जा सकेगा। इस केन्द्र के जांच अधिकृत हो जाने से ना केवल राज्य में अपितु अन्य राज्यों में भी पशुओं द्वारा फैलने वाले संक्रामक रोगों का समय पर पता लगाया जा सकेगा। विश्वविद्यालय के लिए यह उपलब्धि गौरव की बात है। गौरतलब है कि राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत स्थापित यह केन्द्र राज्य के विभिन्न जिलों में पशुओं में फैलने वाले संक्रामक रोग के बारे में सर्वे, जांच एवं रोग की संक्रामकता के बारे में जागरूकता एवं रिपोर्टिंग के उद्देश्य से खोला गया है ताकि पशुपालकों एवं आमजन को संक्रामक रोगों से होने वाले रोगों के नुकसान से बचाया जा सके।
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