बीकानेर, 27 मई। वेटरनरी विश्वविद्यालय अनुसंधान परिषद् की नवीं बैठक सोमवार को कुलपति प्रो. सतीश के. गर्ग की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक को संबोधित करते हुए कुलपति प्रो. गर्ग ने कहा कि विश्वविद्यालय में स्थित दस एडवांस अनुसंधान केन्द्र विश्वविद्यालय की विशेष पहचान है जिसके अन्तर्गत पारम्परिक पशुचिकित्सा पद्धति, वन्यजीव प्रंबधन, पशुधन चारा संसाधन, पशु विज्ञान अभियांत्रिकी, पशु जैव चिकित्सा अपशिष्ट निस्तारण, पशुजैव विविधता, टीकाकरण एवं जैविक उत्पादन, अंतरिक्ष आधारित तकनीक, पशु रोग निदान आदि प्रमुख विषयों पर शोध एवं तकनीकी विकास के कार्य किये जा रहे है। प्रो. गर्ग ने केन्द्रों के प्रमुख अन्वेषकों को निर्देशित करते हुए कहा कि अनुसंधानों के सकारात्मक परिणामों का लाभ पशुपालकों तक पहुंचे तथा उच्च गुणवत्ता वाले शोधों को पेटेंट हेतु क्रियान्वयन करने होंगे। बैठक में पशुधन अनुसंधान केन्द्रों पर बरसात के पानी संग्रहण हेतु डिग्गियों के निर्माण, बिजली खपत लागत को कम करने हेतु सोलर प्लांट स्थापित करने, पशुधन अनुसंधान केन्द्र पर कृत्रिम गर्भाधान तकनीक के माध्यम से सेक्स सोर्टड सीमन का उपयोग करने, पशुचारे की उपयुक्त समय पर समुचित व्यवस्था करने आदि प्रस्तावो का अनुमोदन किया गया। कुलपति प्रो. गर्ग ने पशुधन अनुसंधान केन्द्रों पर कम उत्पादक एवं अधिक आयु के पशुओ की नियमित छंटनी एवं निलामी तथा पशु उत्पादों के मूल्य संवर्धन हेतु निर्देशित किया ताकि इन केन्द्रो की उत्पादकता बनी रह सके। अनुसंधान निदेशक प्रो. हेमन्त दाधीच ने परिषद् की बैठक का संचालन करते हुए प्रगति विवरण प्रस्तुत किया तथा विभिन्न एडवांस अनुसंधान केन्द्रों एवं आई.सी.ए.आर. परियोजनाओं के प्रमुख अन्वेषकों ने अपने वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किये। अधिष्ठाता वेटरनरी कॉलेज, बीकानेर प्रो. ए.पी. सिंह, अधिष्ठाता वेटरनरी कॉलेज, नवानियां, प्रो. आर.के. नागदा, निदेशक प्रसार शिक्षा, प्रो. राजेश कुमार धूड़िया, निदेशक पी.एम.ई. प्रो. बसंत बैस, अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. प्रवीण बिश्नोई, परीक्षा नियंत्रक प्रो. उर्मिला पानू, अधिष्ठाता डेयरी टेक्नोलॉजी महाविद्यालय बस्सी (जयपुर) प्रो. धर्म सिंह मीना, मनोनित सदस्य मोहन लाल गोरछिया, डॉ. सुस्मिता चटर्जी तथा डॉ. ओमप्रकाश बैठक में शामिल हुए।
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