कृषि अनुसंधान में परिवर्तन एवं निजी क्षैत्र की भूमिका पर आयोजित परामर्श बैठक में वेटरनरी विश्वविद्यालय हुआ शामिल

बीकानेर 03 सितम्बर। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा मंगलवार को “कृषि अनुसंधान में परिवर्तन एवं निजी क्षेत्र की भूमिक बढ़ाने” विषय पर हाईब्रिड मोड़ पर हितकारकों की परामर्श बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में वेटरनरी विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य मनोज दीक्षित ने ऑनलाइन शिरकत की एवं बैठक के बाद विश्वविद्यालय के अधिकारियों से कृषि एवं पशुपालन अनुसंधानों में उत्पादकता बढ़ाने हेतु निजी क्षेत्र के संघठनों की भागीदारी, कृषि एवं पशुपालन अनुसंधान की वर्तमान स्थिति एवं चुनौतियों आदि विषयों पर चर्चा की व आवश्यक सुझाव एवं निर्देश दिए। बैठक को सम्बोधित करते हुए माननीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री भागीरथ चौधरी ने किसानों की आवश्यकताओं, समस्याओं के अनुसार शोध में परिवर्तन करने, गुणवत्ता सुधार पर बल दिया। उन्होने रासायनिक खाद्य के अंधाधुंध उपयोग का रोकने एवं प्राकृतिक खेती की जरूरत को बल दिया। कृषि विज्ञान केन्द्रों, कृषक उत्पादक संगठनों (एफ.पी.ओ.) को सुद्दढ़ करते हुए डोर स्टेप पर तकनीको के हस्तांतरण की बात कही। बैठक में डॉ. हिमांशु पाठक, सचिव डेयर एवं महानिदेशक, आई.सी.ए.आर. ने बैठक का विषय प्रवर्तन किया। बैठक के प्रारम्भ में डॉ. देवेश चतुर्वेदी, सचिव डी.ए. और एफ.डब्लू, ने स्वागत उद्बोधन दिया। इस बैठक में भारत सरकार के सम्बधित विभागो, आई.सी.ए.आर. संस्थानों केन्द्रीय और राज्य कृषि विश्वविद्यालयों, कृषि विज्ञान केन्द्रों, निजी क्षेत्र के संगठनों, सरकार के विभिन्न मंत्रालयों एवं विभागों सहित देशभर से हजार से ज्यादा प्रतिभागी शामिल हुए। निदेशक प्रसार शिक्षा प्रो. राजेश कुमार धूड़िया ने बताया कि बैठक में विश्वविद्यालय के प्रति-कुलपति प्रो. हेमन्त दाधीच, वेटरनरी महाविद्यालय के अधिष्ठाता प्रो. ए.पी. सिंह, निदेशक मानव संसाधन विकास प्रो. बी.एन. श्रृंगी, अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. प्रवीण बिश्नोई, परीक्षा नियंत्रक प्रो. उर्मिला पानू एवं निदेशक पी.एम.ई. प्रो. राहुल सिंह पाल उपस्थित रहे। इस बैठक में कृषि विज्ञान केन्द्र नोहर (हनुमानगढ़) के प्रभारी अधिकारी डॉ. सुरेश चन्द काटंवा सहित प्रगतिशील किसान घनश्याम ज्याणी, मुखराम, चन्द्रपाल और नरेश कुमार भी ऑनलाइन शामिल हुए।