उन्नत पशुपालन तकनीकों पर पशुपालक प्रशिक्षण पशुपालकों द्वारा प्रचलित पद्धतियों के सकारात्मक रुझानों का विशलेषण हमारी प्राथमिकता हो: कुलपति आचार्य मनोज दीक्षित

बीकानेर, 2 सितम्बर। वेटरनरी विश्वविद्यालय, बीकानेर एवं कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन अभिकरण (आत्मा) के संयुक्त तत्वावधान में उन्नत पशुपालन तकनीक विषय पर हनुमानगढ़ जिले के अनुसूचित जाति वर्ग के पशुपालकों का पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम सोमवार से प्रारंभ हुआ। वेटरनरी विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य मनोज दीक्षित ने उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता करते हुए कहा कि विकसित भारत की तर्ज पर पशुपालन के सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर कार्य करना होगा। भारतीय कृषि एवं पशुपालन अथाह ज्ञान एवं नई खोजो की सभावनाओं से भरा है हमें पशुपालकों द्वारा प्रचलित पद्धतियों के सकारात्मक रूझानों का विशलेषण करके आगे बढ़ाना चाहिए। ज्ञान प्रदान कर उनकी समस्याओं के अनुरूप नवीन तकनीकों का विकास करना चाहिए। प्रसार शिक्षा निदेशक प्रो. राजेश कुमार धूड़िया ने बताया कि पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में हनुमानगढ़ जिले के 30 प्रशिक्षार्थी भाग ले रहे हैं जिनको विषय विशेषज्ञों द्वारा पशुपालन में प्रजनन, खाद्यान, रखरखाव एवं उन्नत स्वास्थ्य पर व्याख्यान एवं प्रायोगिक प्रशिक्षण दिया जायेगा। पशुपालकों को विभिन्न पशु अनुसंधान केन्द्रों पर भ्रमण करवाकर उन्नत तकनीकों से अवगत करवाया जायेगा। प्रो. धूड़िया ने पशुपालकों को प्रसार शिक्षा निदेशालय के अन्तर्गत संचालित विभिन्न प्रसार गतिविधियों की भी जानकारी प्रदान की। निदेशक मानव संसाधन विकास प्रो. बी.एन. श्रृंगी ने कहा कि पशुपालको को सुगम एवं कम लागत की तकनीकों का हस्तांतरण करना चाहिए ताकि उनका उपयोग कर आर्थिक लाभ ले सके। इस अवसर पर अधिष्ठाता प्रो. ए.पी. सिंह, परीक्षा नियंत्रक प्रो. उर्मिला पानू, निदेशक पीएमई प्रो. राहुल सिंह पाल, सहायक कृषि अधिकारी ओम प्रकाश सुथार एवं कृषि पर्यवेक्षक संजय कुमार तथा पशुपालक उपस्थित रहे। प्रशिक्षण कार्यक्रम के संयोजक डॉ. देवी सिंह रहे। इस अवसर पर प्रसार शिक्षा निदेशालय द्वारा प्रकाशित मासिक पत्रिका पशुपालन नए आयाम के नवीन अंक का विमोचन किया गया।