अष्टम् दीक्षांत समारोह का हुआ आयोजन

अष्टम् दीक्षांत समारोह का हुआ आयोजन
515 उपाधियों और 10 पदकों से किया विद्यार्थियों को अलंकृत
विद्यार्थियों को अर्जित ज्ञान का उपयोग पशुओं, पशुपालकों एवं समाज के उत्थान के लिए करना चाहिए: माननीय राज्यपाल हरिभाऊ बागडे

बीकानेर, 15 अप्रेल। वेटरनरी विश्वविद्यालय के अष्टम् दीक्षांत समारोह में मंगलवार को पशुचिकित्सा एवं पशु विज्ञान के 515 छात्र-छात्राओं को उपाधियों और 8 को स्वर्ण पदक तथा 1 रजत एवं 1 कांस्य पदक से अलंकृत किया गया। समारोह के प्रारम्भ में माननीय राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्री हरिभाऊ बागडे ने वेटरनरी विश्वविद्यालय, बीकानेर के अष्टम दीक्षांत समारोह की सभी को बधाई दी और कहा शालिहोत्र पशुचिकित्सक ग्रंथ का वैदिक चिकित्सकीय ज्ञान सभी विद्यार्थियों का होना चाहिए। राजस्थान दुग्ध उत्पादन में अग्रणी राज्य है। दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा मिला है। जिस गांव या शहर में दुग्ध मार्केटिग एवं विपणन सुविधा का विकास होगा वहां पशुपालकों को दुग्ध उत्पादन में प्रोत्साहन मिलेगा। दुग्ध विपणन व्यवस्था का सुद्दढीकरण करके दुग्ध व्यवसाय को बढ़ावा दे सकते है। राजस्थान में चरागाह के सीमित होने एवं आधुनिक यातायात व्यवस्था से ऊंटो का उपयोग कम हुआ और संख्या भी कम हुई। ऊंट पालको को विभिन्न योजनाओं के माध्यम से प्रोत्साहित करके ऊष्ट्र संरक्षण कर सकते है। विद्यार्थियों को शिक्षा के साथ-साथ बौद्धिक एवं शारीरिक विकास पर भी ध्यान देना चाहिए। विद्यार्थियों को अर्जित उपाधियों एवं ज्ञान का उपयोग पशुओं, पशुपालकों एवं समाज के उत्थान के लिए करना चाहिए तथा शैक्षणिक एवं सह-शैक्षणिक गतिविधियों में उत्कृष्टता हासिल करनी चाहिए। महामहिम राज्यपाल महोदय ने विद्यार्थियों को गुरु दक्षिणा के नाम एक पौधा लगाने को प्रेरित किया।
समारोह के दीक्षांत अतिथि प्रो. नितीन वी. पाटील कुलपति, महाराष्ट्र पशु एवं मत्स्य विज्ञान विश्वविद्यालय, नागपुर (महाराष्ट्र) ने छात्रों को बधाई देते हुए कहा कि मैं सबसे पहले, उपाधि प्राप्त करने वाले सभी स्नातक, स्नातकोत्तर एवं विद्या-वाचस्पति विद्यार्थियों एवं और उनके परिवारों को हार्दिक बधाई देता हूं। इस संस्थान का गौरवशाली इतिहास सर्वविदित है। यह वास्तव में उन सभी लोगों के लिए गर्व की बात है जो इस विश्वविद्यालय की स्थापना के बाद से ही इससे जुड़े रहे हैं, जिन्होंने राज्य और देश के पशुपालकों को लाभ पहुँचाने के लिए पशु चिकित्सा विज्ञान में ज्ञान के भंडार को समृद्ध करने में योगदान दिया है। भारतीय कृषि और पशुपालन अपार ज्ञान और नई खोजों की संभावनाओं से भरा है। हमें पशुपालकों द्वारा अपनाई जाने वाली विधियों के सकारात्मक रुझानों का विश्लेषण करते हुए आगे बढ़ना चाहिए। देश में बढ़ती आबादी के कारण पशु आधारित खाद्य पदार्थों की मांग हमेशा से रही है। पशु स्वास्थ्य से समझौता करके शुद्ध पशु उत्पादों की कल्पना नहीं की जा सकती। मनुष्यों और पशुओं में संक्रामक रोगों का प्रकोप भी हमारे लिए एक बड़ी चुनौती है। लम्पी, बुसेलेसिस आदि बीमारियों से पशुपालकों को नुकसान हुआ है। एकल स्वास्थ्य दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करके, कृषि और पशुपालन विषयों पर एकीकृत अनुसंधान और नई खोजों और प्रौद्योगिकियों के हस्तांतरण से हम इन चुनौतियों का समाधान कर सकते हैं और समाज को बेहतर मानव और पशु स्वास्थ्य प्रदान कर सकते हैं।
मुख्य अतिथि श्री जोराराम कुमावत, माननीय मंत्री पशुपालन, गोपालन, डेयरी एवं देवस्थान विभाग, राजस्थान सरकार समारोह ने कहा कि पशुपालन राजस्थान के जन-मानस का मूल आधार है व किसानों की आजीविका का भी मूल óोत हैं, अतः राजस्थान में पशुचिकित्सक एवं पशुपालक प्रादेशिक अर्थव्यवस्था के मुख्य आधार है। पशुधन स्थानीय लोगों की सामाजिक और आर्थिक सम्पन्नता का प्रतीक है। इसलिए पशुधन उत्पादन मंे अभिवृद्धि के साथ-साथ, किसान तथा समाज के पिछड़े वर्गो के परिवारों को रोजगार के संसाधन उपलब्ध करवा कर उन्हें आर्थिक दृष्टि से आत्मनिर्भर बनाए जाने के लिए आप सभी शोधकर्ताओं के निरंतर कार्य करने की जरूरत है। पशुचिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान में गुणवत्ता के साथ पशुचिकित्सा शिक्षा के प्रसार कार्यों को वृहद स्तर पर पहुंचाए जाने की भी आज सर्वाधिक जरूरत है। राज्य सरकार पशुपालकों को विभिन्न तरह की योजनाओं के माध्यम से लाभान्वित करने के लिए प्रतिबद्ध है। राज्य सरकार द्वारा “मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना“ जिसके लिए वर्तमान मे बीमा का कार्य तीव्र गति से चल रहा है। राज्य सरकार द्वारा “मोबाइल वैटेरीनरी यूनिट्स“ के साथ ही विभाग द्वारा सम्पूर्ण राज्य में विभिन्न प्रकार के रोगो से बचाव हेतु टीकाकरण कार्यक्रम चलाया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा पशु पालकों के लिए राजस्थान सहकारी “गोपाल क्रेडिट कार्ड ऋण योजना“ शुरू की गई है। इसके साथ-साथ माननीय मंत्री जोराराम ने सेक्स सॉर्टेट सीमन, गौशालाओ के सुद्दढ़ीेरण की बात भी कही।
कुलपति आचार्य मनोज दीक्षित ने महामहिम राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्रीमान हरिभाऊ बागडे, दीक्षांत अतिथि कुलपति डॉ. नितीन वी. पाटिल व माननीय मंत्री श्री जोराराम कुमावत, प्रबंध मंडल एवं अकादमिक परिषद के सदस्यों, जनप्रतिनिधियों, गणमान्य अतिथियों, विद्यार्थियों, अधिकारियों एवं कर्मचारियों का स्वागत करते हुए कहा कि इस दीक्षांत समारोह के कुल 433 छात्र-छात्राओं को स्नातक, 71 को स्नातकोत्तर एवं 11 को विद्यावाचस्पति सहित कुल 515 उपाधियां प्रदान की गई तथा शैक्षणिक उत्कृष्टता हेतु 8 स्वर्ण, 1 रजत एवं 1 कांस्य पदकों सम्मानित किया गया। कुलपति आचार्य मनोज दीक्षित ने विश्वविद्यालय के प्रगति-प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए बताया कि कुलपति आचार्य दीक्षित ने विश्वविद्यालय का प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत किया और विश्वविद्यालय द्वारा शिक्षा, अनुसंधान व प्रसार एवं प्रशासनिक गतिविधियों का संक्षिप्त ब्योरा प्रस्तुत किया। कुलपति ने विश्वविद्यालय द्वारा पशुपालकों को प्रदान की जाने वाली अत्याधुनिक चिकित्सकीय सुविधाओं का जिक्र किया एवं आई.सी.ए.आर एवं राज्य बजट से स्वीकृत शोध परियोजनाओं के बारे में जानकारी प्रदान की एवं शिक्षको के पदोन्नति का जिक्र किया। कुलपति आचार्य दीक्षित ने दीक्षा प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों को बधाई देते हुए उज्ज्वल भविष्य की कामना की। इस अवसर पर राजुवास की बुक स्टॉल भी लगाई गई। माननीय राज्यपाल महोदय को विश्वविद्यालय शिक्षकों द्वारा लिखित पुस्तक ग्रंथ भी माननीय राज्यपाल महोदय को भेंट की।
दीक्षांत समारोह के दौरान राज्यपाल के प्रमुख विशेषाधिकारी राजकुमार सागर, ए.डी.सी. विकास श्योराण, माननीय विधायक, बीकानेर (पश्चिम) जेठानन्द व्यास, चंपालाल गेदर, श्याम पंचारिया, श्रीमती सुधा आचार्य,श्रीमती सुधा आचार्य, जिला कलेक्टर, बीकानेर नम्रता वृष्णि, जिला पुलिस अधीक्षक. कावेंद्र सागर, श्रीमती आरती दीक्षित, कुलपति एस.के.आर.ए.यू. प्रो. अरुण कुमार, श्रीमती मंत्रेश सिंह, प्रबन्ध मंडल एवं अकादमिक परिषद के सदस्य, विश्वविद्यालय के सेवानिवृत शिक्षक एवं अधिकारी, विश्वविद्यालय के डीन-डायरेक्टर, शिक्षक, कर्मचारी, दीक्षांत विद्यार्थी एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे। दीक्षांत समारोह को विश्वविद्यालय की वेबसाइट, फेसबुक पेज व यूटूयूब पर सीधा प्रसारित किया गया। समारोह के प्रारम्भ में 1 राज. आर. एण्ड वी. एन.सी.सी., बीकानेर द्वारा माननीय राज्यपाल एवं कुलाधिपति महोदय के आगमन पर गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।
विभिन्न प्रकाशनों का हुआ विमोचन
माननीय राज्यपाल एवं कुलाधिपति महोदय द्वारा समन्वयक जन संपर्क प्रकोष्ठ डॉ. देवी सिंह द्वारा प्रकाशित विश्वविद्यालय न्यूज लेटर के नवीनतम अंक व विश्वविद्यालय की एक वर्ष की प्रगति पुस्तिका “राजुवास: दिशा दृष्टि एवं उपलब्धियां” का विमोचन किया गया। डॉ. देवीसिंह, डॉ. अशोक डांगी, डॉ. नीरज शर्मा व डॉ मैना कुमारी द्वारा तैयार राजुवास की डॉक्यूमेंट्री फिल्म का प्रदर्शन किया गया।
विभिन्न लोकार्पण एवं शिलान्यास
दीक्षांत समारोह के उपलक्ष पर माननीय राज्यपाल द्वारा वेटरनरी महाविद्यालय, बीकानेर में आई.सी.ए.आर., नई दिल्ली द्वारा वित्त पोषित नवीन अरून्धती कन्या छात्रावास का वर्चुअल शिलान्यास किया गया। निजी महाविद्यालय की संबद्धता प्रक्रिया को ऑनलाइन माध्यम से संपादित किये जाने हेतु विकसित किये गये ऑनलाईन एफिलियेशन मॉड्यूल, प्रभारी आई.यू.एम.एस. डॉ. अशोक डांगी द्वारा तैयार विश्वविद्यालय की पुनर्निमित वेबसाईट का लोकार्पण और उपस्थिति हेतु नवीन फेस रिकोग्नेशन सिस्टम का लोकार्पण किया गया।
स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले विद्यार्थी
स्नातकोत्तर शिक्षा में सर्वोत्कृष्ट प्रदर्शन करने पर यदुवीर सिंह विश्वास कुमार और कोमल यादव को स्वर्ण पदक से अलंकृत किया गया। विद्यावाचस्पति में अनीता तंवर, हेमलता, गुंजन व अरुणा पंवार को स्वर्ण पदक से अलंकृत किया गया। पशुचिकित्सा एवं पशु विज्ञान स्नातक में आरती सिंह राठौर को स्वर्ण पदक, रौनक सिंह महापात्रा को रजत पदक, फर्नांडीस रियोना कैजेटन और को कांस्य पदक से अलंकृत किया गया।