बीकानेर, 03 जनवरी। पशुचिकित्सा एवं पशु विज्ञान महाविद्यालय, बीकानेर और ब्रुक इंडिया के संयुक्त तत्वावधान में वेटरनरी विश्वविद्यालय के इर्न्टन विद्यार्थियों हेतु “घोड़ो, गघो एवं खच्चरो के व्यवहार, कल्याण एवं सुरक्षित हैंडलिंग” विषय पर शुक्रवार को दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन हुआ। समापन सत्र को सम्बोधित करते हुए आचार्य मनोज दीक्षित ने कहा कि पशुओं और मनुष्य का संबंध बहुत पुराने काल से ही है जो कि जीवन यापन के लिए परस्पर एक दूसरे के पूरक है। अश्व चिकित्सा का विस्तृत विवरण भारतीय ग्रंथों में वर्णित है। पशु कल्याण के बिना हम मनुष्य कल्याण की परिकल्पना नहीं कर सकते है। एक सफल पशुचिकित्सक को पशु रोग एवं ईलाज के साथ-साथ पशु व्यवहार को समझना भी बहुत आवश्यक है। कुलपति आचार्य दीक्षित ने पशुचिकित्सकों को अपने ज्ञान एवं कौशल का समुचित उपयोग मानव एवं पशुकल्याण हेतु करने हेतु प्रेरित किया। विभागाध्यक्ष सर्जरी एवं रेडियोलॉजी प्रो. प्रवीण बिश्नोई ने बताया कि दो दिवसीय प्रशिक्षण के दौरान विद्यार्थियों को ब्रुक इंडिया के डॉ. विवेकानंद द्वारा ब्रुक इंडिया के उद्देश्यों, अश्व कल्याण, घोडों में लगड़ापन एवं अन्य विकार व उपचार, खुरकटिंग आदि विषयों पर व्याख्यान दिया गया। विद्यार्थियों को सुरक्षित अश्व हैंडलिंग एवं खुरकटिंग को प्रायोगिक तौर पर भी समझाया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में कुल 60 प्रशिक्षार्थियों ने भाग लिया। प्रशिक्षण उपरान्त प्रशिक्षार्थियों को प्रमाण-पत्र वितरित किए गए। प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान कार्यकारी अधिष्ठाता प्रो. राजेश कुमार धूड़िया ने सभी का स्वागत किया एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया। समापन सत्र के दौरान निदेशक अनुसंधान प्रो. बी.एन. श्रृंगी, शिक्षक, विद्यार्थी मौजूद रहे। प्रशिक्षण कार्यक्रम में डॉ. महेन्द्र तंवर, डॉ. साकार पालेचा, डॉ. अनिल बिश्नोई और डॉ. सुरेश कुमार झीरवाल और चंदन सिंह का सहयोग रहा।
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