जयपुर, 21 अक्टूबर। स्नातकोत्तर पशुचिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (पी.जी.आई.वी.ई.आर.), जयपुर में सोमवार को भारतीय पशुचिकित्सा परिषद्, नई दिल्ली के अध्यक्ष डॉ. उमेश चन्द शर्मा ने संस्थान के शिक्षकगणों के साथ बैठक का आयोजन किया। बैठक कार्यक्रम के प्रारंभ में संस्थान के अधिष्ठाता प्रो. (डॉ.) धर्म सिंह मीना ने डॉ. उमेश चन्द शर्मा का पुष्पगुच्छ भेट कर स्वागत एवं अभिनन्दन किया। स्वागत कार्यक्रम के अन्तर्गत राजस्थान पशुचिकित्सा परिषद् के कुलसचिव, डॉ. विकास कुमार शर्मा को प्रो. (डॉ.) जी.एस. गौतम द्वारा, अधिष्ठाता, अपोलो वेटरनरी कॉलेज, जयपुर प्रो. (डॉ.) चरण सिंह शर्मा को अधिष्ठाता, डेयर एवं खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय, बस्सी, जयपुर के प्रो. (डॉ.) रोहिताश दाधीच द्वारा तथा डॉ. इन्द्रजीत सिंह, सदस्य, भारतीय पशुचिकित्सा परिषद्, नई दिल्ली एवं सदस्य, प्रबन्धन मण्डल, राजस्थान पशुचिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय (राजुवास), बीकानेर का सहायक अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ. वाई.पी. सिंह ने पुष्पगुच्छ भेट कर स्वागत एवं अभिनन्दन किया। स्वागत अभिभाषण में अधिष्ठाता, पी.जी.आई.वी.ई.आर., जयपुर प्रो. (डॉ.) धर्म सिंह मीना ने डॉ. उमेश चन्द शर्मा तथा सभागार में उपस्थित सभी अतिथियों को संस्थान की रूपरेखा एवं कार्य प्रणाली से अवगत कराया तथा संस्थान द्वारा समय-समय पर शैक्षणिक एवं अशैक्षणिक गतिविधियों को आयोजित कर विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास करने हेतु आयोजित की जाने वाली गतिविधियों से सदन को अवगत कराया। अधिष्ठाता महोदय ने संस्थान में व्याप्त जूनोटिक प्रयोगशाला के कार्य तथा आगन्तुकों द्वारा प्रयोगशाला की उपयोगिता को सराहने की बात कही। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. उमेश चन्द शर्मा ने अपने अभिभाषण में कृषि एवं पशुपालन के उत्थान में कार्य करने वाले राजनीतिक तथा नौकरशाहों को कृषि एवं पशुपालन के क्षेत्र में भारत को विश्वपटल पर स्थापित करने में अपनी भागीदारी के लिये हृद्यतल से आभार व्यक्त किया तथा पशुपालन के क्षेत्र से जुडे पशुचिकित्सक तथा शिक्षकों की भूमिका एवं जिम्मेदारियों को याद दिलाते हुए अपना शत-प्रतिशत योगदान देने हेतु प्रेरित किया। डॉ. शर्मा ने अपने अध्यक्ष पर के कार्यकाल में भारतीय पशुचिकित्सा परिषद्, नई दिल्ली में किये गये नवाचारों एवं प्रावधानों से सभागार को अवगत कराया। अपने अभिभाषण में मुख्य अतिथि ने विद्यार्थियों के चहुमुखी विकास हेतु शिक्षकों को प्रेरित किया तथा भारतीय पशुचकित्सा परिषद् द्वारा इस हेतु पूर्ण सहयोग करने का आश्वासन दिय तथा संस्थान द्वारा भारतीय पशुचिकित्सा परिषद् के मापदण्डों की पूर्ति एवं अनुपालना करने हेतु संस्थान की भूरी-भूरी प्रशंसा की। संस्थान में आचार्यो एवं सह-आचार्यो के पदों को भरने हेतु अधिकतम उम्र में रियायत प्रदान करने हेतु विश्वविद्यालय को तथा राज्य सरकार को भारतीय पशुचिकित्सा परिषद् द्वारा पत्र प्रेषित करने हेतु का आश्वासन दिया। संस्थान में कार्यरत शिक्षण सहयोगी के न्यून्तम वेतन को पशुचिकित्सा अधिकारी के न्यूनतम वेतन के समकक्ष देने हेतु दिशा निर्देशों में बदलाव एवं जारी करने हेतु निर्देश दिया। मुख्य अतिथि के अभिभाषण के उपरान्त अध्यक्ष महोदय ने संस्थान के शिक्षकों के सशंय एवं प्रश्नों का विस्तारपूर्वक जवाब दिया। कार्यक्रम के अन्त प्रो. (डॉ.) जी.एस. गौतम ने अतिथियों का अपने व्यस्ततमः समय में से संस्थान भ्रमण के लिये समय निकालने हेतु धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. बरखा गुप्ता ने किया।
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