बीकानेर 28 जून। वेटरनरी विश्वविद्यालय की 27वीं अकादमिक परिषद् की बैठक कुलपति प्रो. सतीश के. गर्ग की अध्यक्षता में शुक्रवार को आयोजित की गई। बैठक के प्रारम्भ में कुलपति प्रो. गर्ग ने अकादमिक परिषद् के सभी सदस्यों का स्वागत किया एवं गत बैठक के सभी बिन्दुओं पर विचार विमर्श करते हुए कार्य अनुपालना को सर्वसम्मति से अनुमोदित किया गया। बैठक में वेटरनरी विश्वविद्यालय के संघटक वेटरनरी महाविद्यालय, जोधपुर में सत्र 2024-25 से द्विवर्षीय पशुपालन डिप्लोमा पाठ्यक्रम शुरू करने के प्रस्ताव पर विचार एवं अनुमोदन किया गया। परिषद् ने विश्वविद्यालय के सातवें दीक्षांत समारोह में 30 जून तक बी.वी.एस.सी. एण्ड ए.एच., पी.जी. एवं पीएच.डी. के जारी परिणामों के विद्यार्थियों को दीक्षांत समारोह में शामिल कर डिग्री देने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया। बैठक में शैक्षणोत्तर एवं पीएच.डी. पाठ्यक्रमों में प्रत्येक सेमेस्टर में विद्यार्थियों द्वारा विभिन्न विषयों के रजिस्ट्रेशन कार्ड ऑनलाइन माडूल्स से भरने के प्रस्ताव का भी अनुमोदन किया गया। अकादमिक परिषद् ने विद्यार्थियों के स्नातकोत्तर एवं पीएच.डी. पाठ्यक्रमों के आई.सी.ए.आर. द्वारा आयोजित प्रवेश परीक्षा के स्कोर के आधार पर यू.जी.सी. के नियमानुसार वर्ष में दो बार प्रवेश अनुमति के प्रस्ताव पर चर्चा एवं अनुमोदन किया गया ताकि वंचित सीटो का पुनः भरण किया जा सके। इसके अलावा बैठक में विद्यार्थियों के परीक्षा में बैठने हेतु 75 प्रतिशत उपस्थिति की अनिवार्यता, डेयरी महाविद्यालयों, में लेट रजिस्ट्रेशन हेतु निश्चित समय एवं शुल्क निर्धारित करने के प्रस्तावों पर भी विचार-विमर्श किया गया। बैठक में कुलसचिव बिन्दु खत्री द्वारा बैठक में एजेण्डे प्रस्तुत किये गये तथा अकादमिक परिषद् के सदस्यों द्वारा विभिन्न एजेन्डों का अनुमोदन किया गया। बैठक में वित्त नियन्त्रक बी.एल. सर्वा, प्रो. ए.पी. सिंह, प्रो. हेमन्त दाधीच, प्रो. आर.के. धूड़िया, प्रो. एस.के. शर्मा, डॉ. एस.पी. जोशी, डॉ. सुचिस्मिता चटर्जी, प्रो. उर्मिला पानू, प्रो. बसन्त बैस, प्रो. बी.एन. श्रृंगी एवं डॉ. बाबूलाल (एम.डी. उरमूल) एवं अकादमिक परिषद् के अन्य मनोनीत सदस्य उपस्थित रहे। बैठक में अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. प्रवीण बिश्नोई, अकादमिक परिषद् के माननीय सदस्य डॉ. संजय शर्मा (पंतनगर), डॉ. उदयवीर चहल (लुधियाना), प्रो. शीला चौधरी (जयपुर), प्रो. धर्म सिंह मीना (जयपुर) व प्रो. रोहिताश दाधीच ऑनलाइन माध्यम से जुड़े।
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