वेटरनरी विश्वविद्यालय में मनाया विश्व पर्यावरण दिवस

बीकानेर, 05 जून। राजस्थान पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय एवं ऊर्जा थिएटर सोसायटी, बीकानेर के संयुक्त तत्वावधान में वेटरनरी यूनिवर्सिटी ऑडिटोरियम में विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर अमृता यात्रा के अंतर्गत नाटक अमर अमृता का मंचन किया गया। नाटक में पर्यावरण के लिए अमृता देवी के लिए ऐतिहासिक बलिदान को प्रस्तुत किया गया। नाटक में दिखाया गया कि किस प्रकार खेजड़ी के पेड़ों को काटने से बचोने के लिए अमृता देवी उनकी तीन पुत्रियों सहित 363 लोगों में अपने प्राणों की आहुति दी। इस अवसर पर कुलगुरु आचार्य मनोज दीक्षित ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण मानव व पशु संरक्षण से जुड़ा हुआ है अतः पर्यावरण की विचार धारा को जीवन का सिद्धांत मानकर कार्यशील होना चाहिए। पर्यावरण संरक्षण के संदेश का नाट्क या अन्य माध्यमों से जन-जन तक पहुंचाकर जागृति उत्पन्न करनी चाहिए ताकि भविष्य की पीढ़ियों को वर्तमान प्राकृतिक सम्पदाओं को देखने का मौका मिल सके। कार्यक्रम के दौरान धन्यवाद ज्ञापन कार्यकारी अधिष्ठाता प्रो. प्रवीण बिश्नोई ने किया एवं मंच संचालन डॉ. नीरज शर्मा ने किया। इस नाटक का नाट्य रूपांतरण वरिष्ठ रंगकर्मी अशोक जोशी द्वारा किया गया एवं इसका निर्देशन रंगकर्मी सुरेश पूनिया ने किया। नाटक में शिप्रा, प्रिया आर्य, आकांक्षा पुरोहित, अक्षिता जोशी, प्रियांशु सोनी, नील माधव, गणेश छंगानी, सिद्धार्थ कुल्हारिया, सात्विक तंवर, राहुल माधव, उदय सिंह भाटी, रवि शर्मा, अदनान खान, सिमी सत्यानी, जय खत्री, कृष्णा, नावेद भारती, अनिल बंधाडा, गौरव मोयल, रोहित शर्मा, मिलन के अभिनय ने सभी को प्रेरित किया। इस अवसर पर वेटरनरी महाविद्यालय परिसर में कुलगुरु आचार्य मनोज दीक्षित द्वारा पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया गया। कार्यक्रम के दौरान निदेशक अनुसंधान प्रो. बी.एन. श्रृंगी, अधिष्ठाता स्नातकोत्तर प्रो. राजेश कुमार धूड़िया, अधिष्ठाता डेयरी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी महाविद्यालय प्रो. राहुल सिंह पाल, परीक्षा नियंत्रक प्रो. मनीषा माथुर, अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ. पंकज कुमार थानवी, शैक्षणिक, अशैक्षणिक, स्टाफ, विद्यार्थी सहित आमजन भी उपस्थित रहे।
डेयरी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी महाविद्यालय ने मनाया विश्व पर्यावरण दिवस
बीकानेर, 05 जून। वेटरनरी विश्वविद्यालय संघटक डेयरी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी महाविद्यालय बीकानेर में गुरुवार को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर पौधारोपण किया। इस दौरान महाविद्यालय में वृक्षारोपण किया गया, जिसमें सभी शिक्षकों ने एक-एक पेड़ लगाया। महाविद्यालय के अधिष्ठाता प्रो0 राहुल सिंह पाल ने इस अवसर पर स्टाफ को सम्बोधित करते हुए कहा कि पेड़ हमारे जीवन दाता है, इनके बिना मानव जीवन सम्भव नही है अतः इनके संरक्षण हेतु प्रण प्राण से जुटना चाहिए। कार्यक्रम का संचालन डॉ सुनील कुमार जांगिड़, ने किया और डॉ. रीटा, डॉ. सोनिया मोर एवं डॉ. मुकुल सैन ने भी अपने-अपने विचार रखे तथा पर्यावरण संरक्षण के महत्ता के बारे में बताया। इस अवसर पर सभी शैक्षणिक एवं अशैक्षणिक सदस्य उपस्थित रहे।

राजुवास का इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी ने विकसित किया 3डी प्रिंटेड मॉडल
बीकानेर, 05 जून। राजस्थान पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, बीकानेर के कुलगुरु आचार्य मनोज दीक्षित ने गुरुवार को इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी सेंटर फॉर एनिमल साइंसेज, बीकानेर का निरीक्षण किया। इस अवसर पर कुलगुरु आचार्य मनोज दीक्षित ने केंद्र द्वारा विकसित 3डी प्रिंटेड मॉडल्स का अवलोकन किया, जिन्हें पशु चिकित्सा विज्ञान में अध्ययनरत विद्यार्थियों को पशु शारीरिक संरचना (एनाटॉमी) और पशु शल्य चिकित्सा (सर्जरी) की प्रायोगिक ज्ञान देने के लिए कारकस (पशु शरीर) के स्थान पर प्रयोग में लिया जा सकेगा। विश्वविद्यालय द्वारा विकसित ये मॉडल्स आने वाले समय में पारंपरिक पशु शवों के स्थान पर शिक्षण में एक सशक्त विकल्प साबित होंगे। इस अवसर पर कार्यक्रम के दौरान निदेशक अनुसंधान प्रो. बी.एन. श्रृंगी, अधिष्ठाता स्नातकोत्तर प्रो. राजेश कुमार धूड़िया निदेशक क्लिनिक्स प्रो. प्रवीण बिश्नोई, केंद्र के प्रभारी डॉ. दिवाकर चौधरी, डॉ. अशोक डांगी, डॉ. अभिषेक गुप्ता, डॉ. जावेद अखतर उपस्थित रहे।
पारम्परिक बेलगाड़ी की संरचना के तकनीकी सुधार पर मिला पेटेंट
बीकानेर, 05 जून। वेटरनरी विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी केंद्र द्वारा पारंपरिक बैलगाड़ी की संरचना में तकनीकी सुधार से संबंधित डिज़ाइन को पेटेंट कार्यालय भारत सरकार द्वारा पेटेंट प्रदान किया गया। यह डिजाईन केंद्र के प्रमुख अन्वेषक डॉ. दिवाकर चौधरी एवं डॉ. अशोक डांगी द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया है। इस नए डिज़ाइन में बैलों को केवल भार खींचना होता है, जबकि भार वहन का कार्य शॉकर एवं टायर मैकेनिज्म द्वारा संपन्न होता है। इस संरचनात्मक परिवर्तन के कारण न केवल बैलों की शारीरिक थकावट में कमी आएगी, बल्कि पारंपरिक बैलगाड़ियों में प्रायः देखी जाने वाली गर्दन संबंधी समस्याओं से भी बचाव हो पाएगा। कुलगुरु आचार्य मनोज दीक्षित ने पेटेंट प्राप्ति हेतु संबंधित सभी अधिकारियों को बधाई दी। पेटेंट डिजाइन प्रदर्शन के दौरान निदेशक अनुसंधान प्रो. बी.एन. श्रृंगी, अधिष्ठाता स्नातकोत्तर प्रो. राजेश कुमार धूड़िया निदेशक क्लिनिक्स प्रो. प्रवीण बिश्नोई, केंद्र के प्रभारी डॉ. दिवाकर चौधरी, डॉ. अशोक डांगी, डॉ. अभिषेक गुप्ता, डॉ. जावेद अखतर उपस्थित रहे।
गांव गढ़ियाला (कोलायत) में जागरूकता शिविर का आयोजन
बीकानेर, 05 जून। राजस्थान पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय बीकानेर के पशु जैव विविधता संरक्षण केंद्र द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। केंद्र के प्रभारी अधिकारी डॉ. मोहन लाल चौधरी ने बताया कि पशुपालकों को पर्यावरण संरक्षण पर पुस्तिका का वितरण किया गया एवं पशुपालकों को पशु स्वास्थ्य हेतु खनिज लवण मिश्रण वितरित किया गया। कार्यक्रम में 38 पशुपालक उपस्थित रहे। जागरूकता कार्यक्रम नरसीराम गुर्जर द्वारा किया गया। कार्यक्रम में पशुधन निरीक्षक राजवीर सिंह गड़ियाला, सरपंच रामेश्वर लाल भूतड़ा, मुकेश कुमार गुर्जर, मूलसिंह, लाला राजपुरोहित, रणवीर सिंह, टीकू राम मेघवाल और अन्य स्टाफ का भी सहयोग रहा।