जयपुर, 06 दिसम्बर, 2024। स्नातकोत्तर पशुचिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (पी.जी.आई.वी.ई.आर.), जयपुर मे शुक्रवार को भारतरत्न बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर जी की 79वीं पूण्यतिथि के अवसर पर संस्थान के सभागार में महापरिनिर्वाण दिवस आयोजित किया गया। कार्यक्रम के प्रारम्भ में संस्थान के अधिष्ठाता प्रो. (डॉ.) धर्म सिंह मीना एवं राजस्थान पशु चिकित्सा और पशुविज्ञान विष्वविद्यालय, बीकानेर के पूर्व कुलपति माननीय प्रो. (डॉ.) विष्णु शर्मा ने मुख्य अतिथि विधायक मिहिरगंज, उत्तर प्रदेष डॉ. डी.सी. वर्मा को पुष्पगुच्छ भेट कर स्वागत किया। कार्यक्रम मे सभी आगुन्तको ने बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर जी को पुष्प अर्प्रित कर श्रद्धांजली दी। कार्यक्रम के प्रारम्भ में संस्थान के अधिष्ठाता प्रो. (डॉ.) धर्म सिंह मीना ने संविधान निर्माण में बाबा साहब के योगदान को याद किया तथा बाबा साहब के प्रकृत्ति एवं मनुष्य पर अपने विचारो के बारे मे बताया। कार्यक्रम मे राजुवास, बीकानेर के पूर्व कुलपति माननीय प्रो. (डॉ.) विष्णु शर्मा ने अपने विचार प्रस्तुत करते हुए कहा कि संविधान सुरक्षा का वह कवच है जिसकी वजह से हम हमेषा सुरक्षित महसुस करते है। यह अतिआवष्यक है कि हम अनुषासन बनाए रखे क्योकि अनुषासन के बदोलत ही हम आगे बढ सकते है और अनुषासन की रूपरेखा हमे संविधान से ही प्राप्त हुई है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विधायक मिहिरगंज, उत्तर प्रदेष डॉ. डी.सी. वर्मा ने अपने अभिभाषण मे विचार रखते हुए सदन को बताया कि वे भी पशु चिकित्सा समुदाय के अंग है तथा पशु चिकित्सक होने का गर्व करते है क्योकि पशु चिकित्सक मनुष्य के अतिरिक्त पृथ्वी पर पाये जाने वाले तमाम प्रकार के पशुओ का उपचार करते है एवं उनके संरक्षक की भुमिका अदा करते है। बाबा साहब पर अपने विचार रखते हुए मुख्य अतिथि ने बताया की सामाजिक असमानता को दुर करने के लिए बाबा साहब ने लम्बा संघर्ष किया था। ज्योतिबा फुले एवं सावित्री बाई फुले जी को बाबा साहब अपने गुरू मानते थे क्योकि ज्योतिबा फुले एवं सावित्री बाई फुले जी ने असमानता को दुर करने एवं बालिका षिक्षा के क्षेत्र मे काफी लम्बा संघर्ष किया था। मुख्य अतिथि द्वारा सदन को बाबा साहब के संघर्षो, देष की आजादी एवं संविधान निर्माण मे योगदान के बारे मे बताया। कार्यक्रम के अन्त मे सहायक अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ. वाई.पी. सिंह ने सभी आगन्तुकों का धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन साहित्यिक समन्वयक डॉ. श्वेता चौधरी द्वारा किया गया। राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम को समाप्त किया गया।
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