बीकानेर 20 जुलाई। राजस्थान पशुचिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, बीकानेर के प्रथम एल्यूमनि सम्मेलन एवं “राजस्थान में पशुधन आधारित अर्थव्यवस्था का विकास एवं राजुवास की भूमिका“ विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी शनिवार को आयोजित की गई है। प्रथम एल्यूमनि सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को सम्बोधित करने हुए मुख्य अतिथि पूर्व कुलपति राजुवास प्रो. ए.के. गहलोत ने कहा एल्यूमनि संगठन विश्वविद्यालय में ‘थींक टेक‘ की तरह कार्य करें। जो कि समय-समय पर राज्य सरकार, केन्द्र सरकार एवं विश्वविद्यालय को विभिन्न विषय एवं नीति निर्धारण में अपनी विशेषज्ञ सुझाव एवं सलाह दे ताकि राज्य एवं देश में पशुपालन का विकास हो सके। इस संगठन के माध्यम से विश्वविद्यालय विभिन्न गतिविधियो को आयोजित करें जिसमें विद्यार्थी वर्ग, पशुपालन, वेटरनरी डॉक्टर आदि स्टेक होल्डर शामिल हो। कुलपति प्रो. सतीश के. गर्ग ने कहा कि किसी भी विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय के लिए एल्यूमनि संगठन एक सम्पदा एवं शक्ति के रूप में कार्य करती है एल्यूमनि एसोसिएशन को मजबूत सामंजस्य एवं संपर्क तंत्र विकसित कर विश्वविद्यालय विकास के कार्य करने चाहिए। मजबूत एल्यूमनि एसोसिएशन विश्वविद्यालय विकास की पूरक होती है। कुलपति प्रो. गर्ग ने कहा कि राज्य की पशु आधारित अर्थव्यवस्था में 70 वर्ष पूर्व स्थापित वेटरनरी महाविद्यालय के साथ विश्वविद्यालय अग्रणी रूप से कार्य कर रहा है तथा प्रदेश की पशु जनसंख्या के अनुरूप कुशल मानव संसाधन उपलब्ध करवा रहा है। प्रति कुलपति प्रो. हेमन्त दाधीच ने कहा कि महाविद्यालय एवं एल्यूमनि संगठन में परस्पर एक दूसरे के प्रति सहयोग एवं विकास के भाव होने चाहिए। अधिष्ठाता प्रो. ए.पी. सिंह ने कार्यक्रम के प्रारम्भ में सभी का स्वागत किया। कार्यक्रम के आयोजन सचिव एवं प्रसार शिक्षा निदेशक प्रो. राजेश कुमार धूड़िया ने बताया की राष्ट्रीय संगोष्ठी के दौरान तीन तकनीकी सत्रों का आयोजन किया गया जिसमे प्रो. ए.के. गहलोत, प्रो. आर.के. तंवर, प्रो. हेमन्त दाधीच, डॉ.एस.पी. जोशी, डॉ. आशीष चौपड़ा, डॉ. रमेश देधड़, प्रो. प्रवीण बिश्नोई ने राजस्थान की पशु आधारित अर्थव्यवस्था और राजुवास की भूमिका के विभिन्न आयामों पर प्रजेंटेशन प्रस्तुत किया। सम्मेलन के अंत में एसोसिएशन की सामान्य सभा की बैठक का आयोजन किया गया।
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