पी.जी.आई.वी.ई.आर., जयपुर का 12वां स्थापना दिवस समारोहपूर्वक आयोजित

जयपुर, 21 दिसम्बर। स्नातकोत्तर पशुचिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (पी.जी.आई.वी.ई.आर.), जयपुर का 12वां स्थापना दिवस गुरूवार को समारोहपूर्वक आयोजित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. राजेश शर्मा, सेवानिवृत्त आई.ए.एस. एवं वर्तमान सदस्य राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग, विद्युत विभाग, राजस्थान सरकार ने अपने उद्बोधन में सभी को स्थापना दिवस की शुभकामनाएं दी तथा संस्थान के उज्जवल भविष्य की कामना की। छात्रों को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आप सभी तनाव मुक्त होकर अपनी सम्पूर्ण क्षमता के अनुरूप शिक्षा ग्रहण कर अपने भविष्य को उज्जवल करें। आप सभी को अपने पशुचिकित्सा प्रोफेशन के प्रति गर्व एवं समर्पित होना चाहिये। आगे उन्होंने कहा कि जीवन में सफलता के लिये परिश्रम के साथ-साथ अनुशासन अति आवश्यक है। उन्होंने बताया कि जीवन में सफलता के लिये आवश्यक है कि आपमें ज्ञान के लिये मृत्युपर्यन्त सीखने की ललक हो। उन्होंने अपने छात्र जीवन की यादें तथा अनुभव विद्यार्थियों के साथ साझा करते हुए कहा कि आप सभी अपने जीवन के स्वर्णिम समय में हैं।
इससे पहले संस्थान की अधिष्ठाता प्रो. (डॉ.) शीला चौधरी ने अपने स्वागत अभिभाषण में माननीय कुलपति महोदय, राजुवास, बीकानेर द्वारा भेजा गया शुभकामना संदेश का पठन किया। जिसमें माननीय कुलपति महोदय द्वारा संस्थापन के 12वें स्थापना दिवस पर सभी अध्यापकों एवं विद्यार्थियों को बधाई दी एवं संस्थान को आगामी वर्षो में और अधिक ऊचाईयों पर ले जाने का आव्हान किया। इसके उपरान्त अधिष्ठाता महोदया ने अतिथियों का स्वागत करते हुए सभी को संस्थान के 12वें स्थापना दिवस की शुभकामनाएं प्रेषित की। उन्होंने संस्थान के ऐतिहासिक सफर का संक्षिप्त वर्णन किया तथा विगत ग्यारह वर्षों में संस्थान द्वारा की गई प्रगति एवं विद्यार्थियों द्वारा अर्जित उपलब्धियों के बारे में विस्तारपूर्व चर्चा की। उन्होंने बताया कि इस संस्थान के स्नातक विद्यार्थियों ने हमेशा ही विश्वविद्यालय स्तर पर शीर्ष पांच में अपना स्थान अर्जित किया है। संस्थान से अभी तक तीन स्नातक बैच के 173 विद्यार्थियों ने अपनी डिग्री प्राप्त की है। पिछले वर्ष संस्थान के स्नातक विद्यार्थियों ने आई.सी.ए.आर. (पी.जी.) परीक्षा में सफलता हासिल कर देश के विभिन्न प्रतिष्ठित संस्थानों में स्नातकोत्तर शिक्षा के लिये प्रवेश लिया। अब तक संस्थान के 136 स्नातकोत्तर विद्यार्थियों ने स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की है एवं उनमें से लगभग 40 प्रतिशत विद्यार्थियों ने आई.सी.ए.आर. की राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (छम्ज्) में सफलता अर्जित की। पशुपालन डिप्लोमा पाठ्यक्रम के 11 बैचों के 292 विद्यार्थियों ने डिप्लोमा प्रमाण पत्र अर्जित किया तथा विश्वविद्यालय स्तर पर मेरिट में स्थान प्राप्त किया। कार्यक्रम में संस्थान के पूर्व छात्र भारती यादव एवं अजय कुमार ने भी कार्यक्रम को सम्बोधित किया तथा अपने व्यक्तिगत अनुभव साझा करते हुए अपना स्वयं का उद्यम स्थापित करने के लिये विद्यार्थियों को प्रेरित किया।
कार्यक्रम में डॉ. राजेश शर्मा ने अपने सम्बोधन में अधिष्ठाता महोदया द्वारा संस्थान के स्थापना दिवस में आने का अवसर देने के लिये धन्यवाद ज्ञापित किया। मुख्य अतिथि ने पशुचिकित्सा से जुडे अपने अनुभव संस्थान के अध्यापकों एवं विद्यार्थियों के साथ साझा किये। जिसमें उन्होंने बताया कि पशुचिकित्सा एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें उन्हें निरन्तर सेवाएं देने में शुकून की अनुभूति होती है। डॉ. राजेश शर्मा जी ने पशुपालन के क्षेत्र की विभिन्न योजनाएं जैसे नस्ल संर्वद्धन, पशुपोषण एवं किसानों के आजीविका में बढ़ोतरी के तरीकों पर अपनी विचार प्रस्तुत किये। कार्यक्रम में संस्थान के विद्यार्थियों ने सांस्कृतिक प्रस्तुति दी। प्रो. (डॉ.) डी.एस. मीणा, अधिष्ठाता, डेयरी एवं खाद्य प्रोद्यौगिकी महाविद्यालय, बस्सी तथा संस्थान के शैक्षणिक एवं अशैक्षणिक कर्मचारी, पूर्व विद्यार्थी, वर्तमान विद्यार्थी उपस्थित रहे। डॉ. बरखा गुप्ता ने मंच संचालन किया तथा सहायक अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ. वाई.पी. सिंह ने सभी आगन्तुकों का धन्यवाद ज्ञापित किया।