बीकानेर, 17 जून। वेटरनरी विश्वविद्यालय अनुसंधान परिषद् की आठवीं बैठक शुक्रवार को कुलपति प्रो. सतीश के. गर्ग की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक को संबोधित करते हुए कुलपति प्रो. गर्ग ने कहा कि विश्वविद्यालय में अनुसंधान कार्य एक योजनाबद्ध तरीके से पशुपालकों एवं किसानों की आवश्यकताओं को पूरा किये जाने के उद्देश्य से किये जा रहें हैं। पशु अनुसंधान केन्द्रों, एडवांस अनुसंधान केन्द्रों एवं विभिन्न विभागों में जारी अनुसंधान का लाभ तकनीकों के रूप में पशुपालकों तक पहुँचें ताकि उनको आर्थिक लाभ मिल सके। प्रो. गर्ग ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा विश्वविद्यालय को तीन एम्ब्रियो ट्रांसफर तकनीक केन्द्र स्वीकृत किये गये हैं और बीकानेर, जयपुर एवं उदयपुर में इन एम्ब्रियो ट्रांसफर तकनीक केन्द्रों को शीघ्र शुरू किया जाएगा ताकि पशुपालकों को भी इस तकनीक का फायदा मिल सके। इसके अतिरिक्त बैठक में विश्वविद्यालय द्वारा विभिन्न अनुसंधानों में विकसित तकनीकों को मान्यकरण के बाद पेटेंट हेतु भेजने, पशु फार्मों पर पशु उत्पादों का मूल्य संवर्धन करने आदि मुद्दों पर सुझाव एवं दिशा निर्देश दिये गये। बैठक में गत बैठक के विभिन्न प्रस्तावों एवं निर्णयों का अनुमोदन भी किया गया। विश्वविद्यालय के पशुधन अनुसंधान केन्द्रों के प्रभारी अधिकारियों एवं एडवांस्ड अनुसंधान केन्द्रों के प्रमुख अन्वेषकों ने प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत किये। अनुसंधान निदेशक प्रो. हेमन्त दाधीच ने परिषद् की बैठक का संचालन करते हुए प्रगति विवरण प्रस्तुत किया। बैठक में विश्वविद्यालय के वित्त नियंत्रक डॉ. प्रताप सिंह पूनिया, राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केन्द्र, बीकानेर के प्रभारी डॉ. एस.सी. मेहता, पशुपालन विभाग के उपनिदेशक डॉ. ओम प्रकाश, मनोनीत सदस्य एवं प्रगतिशील पशुपालक मोहन लाल गोरछिया सहित विश्वविद्यालय के डीन-डायरेक्टर एवं विभिन्न अनुसंधान केन्द्रों एवं परियोजनाओं के मुख्य अन्वेषक शामिल हुए।
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