वेटरनरी विश्वविद्यालय गाढ़वाला में दो दिवसीय लघु कुक्कुट पालन प्रशिक्षण सम्पन्न लघु कुक्कुट पालन हो सकता है समन्वित कृषि एवं पशुपालन का प्रमुख घटक

बीकानेर 18 फरवरी। वेटरनरी विश्वविद्यालय के प्रसार शिक्षा निदेशालय द्वारा कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन अभिकरण (आत्मा), कृषि विभाग, बीकानेर के संयुक्त तत्वावधान में यूनिवर्सिटी सोशल रिस्पांसिबिलिटी के तहत गोद लिए गांव गाढ़वाला में “लघु कुक्कुट पालन” विषय पर दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम शुक्रवार को संपन्न हुआ। प्रशिक्षण में बीकानेर जिले के 30 पशुपालक शामिल हुए। प्रसार शिक्षा निदेशक प्रो. राजेश कुमार धूड़िया ने पशुपालको को सम्बोधित करते हुए बताया कि वर्तमान में समन्वित कृषि एवं पशुपालन तथा विविधिकरण महत्वपूर्ण है अतः लघु कुक्कुट पालन इस क्षेत्र में आय का प्रमुख साधन साबित हो सकता है। प्रशिक्षण समन्वयक डॉ. नीरज शर्मा ने बताया कि इन दो दिवसीय प्रशिक्षण के दौरान बैकयार्ड मुर्गी पालन का महत्व, मुर्गीपालन हेतु उपयुक्त नस्ले, आवास प्रबंधन, आहार प्रबंधन, अण्डे एवं मांस हेतु मुर्गी पालन, मुर्गियों के प्रमुख रोग एवं बचाव आदि विभिन्न विषयों पर डॉ. राहुल सिंह पाल, डॉ. अरुण झीरवाल, डॉ. मोहन लाल चौधरी, डॉ. वीरेन्द्र कुमार, डॉ. जे.पी. कच्छावा एवं डॉ. मंगेश कुमार ने अपने व्याख्यान प्रस्तुत किये। प्रशिक्षण के समापन पर सभी प्रशिक्षार्थियों को प्रमाण-पत्र वितरित किये गये। प्रशिक्षण के उपरांत आयोजित प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम में मोहनराम़ प्रथम, कानाराम द्वितीय एवं जीवनराम तृतीय स्थान पर रहे।