बीकानेर 17 फरवरी। वेटरनरी विश्वविद्यालय के प्रसार शिक्षा निदेशालय द्वारा कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन अभिकरण (आत्मा), कृषि विभाग, बीकानेर के संयुक्त तत्वावधान में “जैविक पशुपालन” विषय पर दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम गुरुवार को संपन्न हुआ। प्रशिक्षण में बीकानेर जिले के 30 पशुपालक शामिल हुए। प्रशिक्षण के मुख्य अतिथि, निदेशक अनुसंधान प्रो. हेमंत दाधीच ने कहा कि पशुपालक वैज्ञानिक तौर पर पशुपालन करके इस व्यवसाय को लाभदायक बना सकते है। जैविक पशुपालन के उत्पादों की बाजार में मांग बढ़ी है जो कि पशुपालकोें के लिए अतिरिक्त आय का मुख्य आधार बन सकता है। प्रसार शिक्षा निदेशक प्रो. राजेश कुमार धूड़िया ने बताया कि इन दो दिवसीय प्रशिक्षण के दौरान जैविक पशुपालन के सिद्धांत, जैविक पशुपालन हेतु प्रमुख देशी नस्ले, आवास प्रबंधन, आहार एवं चारा प्रबंधन, खनिज लवण एवं विटामिन का महत्व, पशु स्वास्थ्य प्रबंधन पशु उत्पाद प्रसंस्करण एवं विपणन, जैविक पशुपालन हेतु मानक एवं प्रमाणीकरण आदि विभिन्न विषयों पर डॉ. विजय कुमार, डॉ. दीपिका गोकलानी, डॉ. मोहनलाल चौधरी, डॉ. अरुण झीरवाल, डॉ. राजेश नेहरा, डॉ. दिनेश जैन, डॉ. रवि रमन एवं डॉ. सुनील कुमार जांगिड़ ने अपने व्याख्यान प्रस्तुत किये। प्रशिक्षण के समापन पर सभी प्रशिक्षार्थियों को प्रमाण-पत्र वितरित किये गये। प्रशिक्षण के उपरांत आयोजित प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम में बिरमाराम प्रथम, संदीप द्वितीय एवं सम्पतलाल बिश्नोई तृतीय स्थान पर रहे। प्रशिक्षण कार्यक्रम का संचालन जैविक पशुधन उत्पाद तकनीक केन्द्र के मुख्य अन्वेषक डॉ. विजय बिश्नोई ने किया।
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