बीकानेर, 20 दिसम्बर। राजस्थान पशुचिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, बीकानेर में शासन सचिव पशुपालन, गोपालन एवं डेयरी, राजस्थान सरकार डॉ. समित शर्मा ने गुरुवार को विश्वविद्यालय की विभिन्न इकाइयों का दौरा एवं निरीक्षण किया। प्रति-कुलपति एवं अधिष्ठाता वेटरनरी महाविद्यालय प्रो. हेमन्त दाधीच ने बताया कि सचिव पशुपालन डॉ. समित शर्मा ने वेटरनरी महाविद्यालय के शल्य चिकित्सा इकाई, क्लिनिकल कॉम्प्लेक्स, इनडोर वार्ड, पशुधन अनुसंधान फार्म, मिनरल मिक्सचर इकाई व अन्य विभागों का निरीक्षण किया एवं विश्वविद्यालय में चल रही गतिविधियों की जानकारी हासिल की। अधिष्ठाता प्रो. दाधीच ने विश्वविद्यालय की शैक्षणिक, शोध, प्रसार एवं प्रशासनिक गतिविधियों की जानकारी प्रदान की। डॉ. समित शर्मा ने सभी को सम्बोधित करते हुए कहा कि वेटरनरी विश्वविद्यालय में संसाधन एवं सुविधाएं काफी व्यापक है। कर्मचारियों को पूरी लग्न एवं उद्देश्यों के साथ कार्य करना होगा। डॉ. समित शर्मा ने वेटरनरी क्लिनिकल कॉम्प्लेक्स का निरीक्षण किया एवं कहा कि वेटरनरी हॉस्पिटल में उपलब्ध चिकित्सकीय संसाधनों का पूर्ण उपयोग करें व सभी उपकरणों को क्रियाशील स्थिति में रखें आई.सी.यू. सुविधा का विकास कर क्लिनिक को रेफरल हास्पिटल के रूप में विकसित करें ताकि अधिक से अधिक पशुओं को चिकित्सकीय सुविधा मिल सके। डॉ. शर्मा ने मिनरल मिक्सचर यूनिट की कार्य प्रणाली की सराहना की एवं मिनरल मिक्सचर का विश्वविद्यालय के पशु विज्ञान केन्द्रों, कृषि विज्ञान केन्द्रों एवं अन्य इकाइयों के माध्यम से प्रभावी मार्केटिंग सुनिश्चित करवाने का सुझाव दिया ताकि अधिक से अधिक पशुपालक लाभान्वित हो सके। डॉ. शर्मा ने पशुपालन विभाग एवं विश्वविद्यालय को एक इकाई के रूप में कार्य करते हुए संयुक्त प्रयासों पर बल देने का सुझाव दिया ताकि पशुचिकित्सा एवं प्रसार सेवा का लाभ पूरे राज्य में किसानों को मिल सके। डॉ. शर्मा ने वेटरनरी के व्यापक क्षेत्र की परिचर्चा करते हुए कहा कि हमें विशिष्ट से अति-विशिष्ट चिकित्सकीय कौशल के बारे में प्रयास करने होंगे ताकि विश्वविद्यालय को देश में ही नहीं अपितु पूरे विश्व में अपने गुणवत्तापूर्ण कार्यों की वजह से विशेष पहचान मिले। वेटरनरी विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य मनोज दीक्षित ने कहा कि विश्वविद्यालय पशुधन संरक्षण, उन्नयन एवं रोग निदान हेतु हमेशा से ही प्रयासरत रहा है। आचार्य दीक्षित ने डॉ. शर्मा द्वारा विश्वविद्यालय को श्रेष्ठतम श्रेणी में लाने हेतु दिये गये विभिन्न सुझावों एवं निर्देशो की पालना सनिश्चित करवाने हेतु आश्वस्त किया। निदेशक पशुपालन विभाग डॉ. भवानी सिंह राठौड़ ने कहा कि मुझे वेटरनरी महाविद्यालय का एल्युमुनाई होने के नाते गर्व महसुस होता है। इस महाविद्यालय के विद्यार्थियों ने देश ही नहीं अपितु विदेशो में भी विभिन्न उच्च पदों पर कार्य करते हुए विश्वविद्यालय का नाम रोशन किया है। डॉ. राठौड़ ने पशुपालन विभाग एवं विश्वविद्यालय के परस्पर सहयोग एवं समन्वय से पशुपालकों को हित का सुझाव दिया। कार्यक्रम के दौरान डॉ. समित शर्मा उत्कृष्ट कार्य हेतु फैकल्टी सदस्यों को सम्मानित भी किया। कार्यक्रम की समाप्ति पर अधिष्ठाता स्नातकोत्तर अध्ययन डॉ. राजेश कुमार धूड़िया ने सभी का धन्यवाद दिया। इससे पूर्व डॉ. शर्मा ने पशु विज्ञान केन्द्र रतनगढ़ (चूरू) का निरीक्षण कर विभिन्न प्रसार कार्यों की जानकारी ली एवं पशुपालकों हेतु तकनीकी हस्तातरण एवं रोग निदान सेवाएं सुदृढ़ करने हेतु सुझाव दिये। इस दौरान मुख्य अन्वेषक पशु विज्ञान केंद्र डॉ. देवीसिंह एवं प्रभारी पशुविज्ञान केंद्र डॉ. अशोक कुमार मौजूद रहे। डॉ. समित शर्मा ने महाविद्यालय परिसर में पौधारोपण भी किया। बैठक के दौरान निदेशक पशुपालन विभाग डॉ. भवानी सिंह राठौड़, आर.ए.एस. शासन उप सचिव, पशुपालन विभाग श्रीमती संतोष करोल, अतिरिक्त निदेशक, उत्पादन एवं प्रसार, निदेशालय पशुपालन विभाग डॉ. प्रवीण कुमार सेन, संयुक्त निदेशक मोबाइल वेटरनरी यूनिट, निदेशालय पशुपालन विभाग डॉ. हेमंत पंत, वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी, एपिडेमियोलॉजी, निदेशालय पशुपालन विभाग डॉ. पुरूषोेŸाम शर्मा, पशु चिकित्सा अधिकारी गोपालन विभाग डॉ. प्रवीण कुमार कौशिक, विश्वविद्यालय के वित्त नियन्त्रक बी.एल. सर्वा सहित विश्वविद्यालय के डीन-डॉरेक्टर, अधिकारी एवं पशुपालन विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।
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