वेटरनरी विश्वविद्यालय फील्ड पशुचिकित्सको का रोग निदान तकनीकों पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण सम्पन्न उन्नत पशु रोग निदान तकनीकों से पशुपालकों को आर्थिक लाभ

बीकानेर 10 मार्च। वेटरनरी विश्वविद्यालय के प्रसार शिक्षा निदेशालय एवं पशुपालन विभाग, राजस्थान के संयुक्त तत्वावधान में फील्ड पशुचिकित्सकों के लिए भारत सरकार की एस्केड परियोजना के अन्तर्गत पशुओं में रोग निदान एवं नियंत्रण विषय पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण गुरुवार को सम्पन्न हुआ। प्रशिक्षण शिविर के समापन सत्र में पशुचिकित्सकों को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि डॉ. वीरेन्द्र नेत्रा, संयुक्त निदेशक, पशुपालन विभाग, राजस्थान ने कहा कि इस प्रशिक्षण के माध्यम से पशु चिकित्सकों ने विभिन्न नवाचार एवं तकनीकों को सीखा है वे इन तकनीकों एवं कौशल का उपयोग फील्ड में पशु इलाज हेतु करे ताकि पशुपालकों को इसका लाभ मिल सके। निदेशक मानव संसाधन विकास, राजुवास प्रो. बी. एन. श्रृंगी ने कहा कि पशुओं के इलाज में रोग डायग्नोस्टिक का बहुत महत्व है सही समय पर रोग को पहचान कर पशुपालकों को आर्थिक नुकसान से बचाया जा सकता है। यह प्रशिक्षण इस दृष्टिकोण से बहुत सहायक सिद्ध हुआ है। प्रसार शिक्षा निदेशक प्रो. राजेश कुमार धूड़िया ने बताया कि भारत सरकार की एस्केड परियोजना के अंर्तगत इस प्रशिक्षण में जोधपुर, सिरोही, जालोर, जैसलमेर, बाड़मेर जिलों के पशुपालन विभाग के 20 पशुचिकित्सकों ने भाग लिया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के सह-समन्वयक डॉ. दीपिका धूड़िया, डॉ. तरूणा भाटी एवं डॉ. मनोहर सेन रहे। प्रशिक्षण उपरान्त प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण-पत्र वितरित किए गये।