वेटरनरी विश्वविद्यालय आठवीं प्रसार शिक्षा परिषद् की बैठक का आयोजन पशुपालकों के लिए उद्यमिता प्रेरक प्रशिक्षण आयोजित किये जाये: कुलपति प्रो. गर्ग

बीकानेर 29 जून। वेटरनरी विश्वविद्यालय की प्रसार शिक्षा परिषद् की 8वीं बैठक बुधवार को कुलपति प्रो. सतीश के. गर्ग की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक को सम्बोधित करते हुए कुलपति, प्रो. गर्ग ने कहा कि वेटरनरी विश्वविद्यालय के अन्र्तगत विभिन्न जिलों में स्थापित पशुविज्ञान केन्द्रों एवं नोहर (हनुमानगढ़) स्थित कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा राज्य के पशुपालकों के उन्नत पशुपालन विधियों का प्रशिक्षण, रोग निदान सेवाएं, सलाहकारी सेवाएं एवं कृषक गोष्ठीयों के माध्यम से पशुपालन उत्पादन बढ़ाने एवं आर्थिक स्वावलम्बन हेतु प्रेरित किया जा रहा है। कुलपति ने बताया कि राज्य में 50 प्रतिशत से अधिक लोगो का जीवनयापन पशुपालन आधारित व्यवसाय पर है तथा देश का 10 प्रतिशत पशुधन राजस्थान राज्य में है। अकाल एवं अन्य विपरित परिस्थियों मे भी राज्य के कृषकों का जीवनयापन पशुपालन का विशेष महत्व है। राज्य में पशुपालन की महत्वता को देखते हुए किसानों एवं पशुपालकों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए नवीन तकनीकों के हस्तातरण एवं वैज्ञानिक पशु प्रबन्धन प्रशिक्षणों अंजाम देना होगा। पशुपालकों के आर्थिक उन्नयन हेतु लघु एवं दीर्घ प्रशिक्षण प्रदान कर उन्हें उद्यमिता हेतु प्रेरित करना होगा। पशुपालकों के लिए उद्यमिता प्रेरक प्रशिक्षण आयोजित किये जाने चाहिए। प्रो. गर्ग ने पशुविज्ञान केन्द्रों के माध्यम से पशुपालकों हेतु चलाई जा रही गतिविधियों को आकंलन करने एवं उनका आर्थिक प्रभाव जानने हेतु सुझाव दिये। प्रसार शिक्षा निदेशक प्रो. राजेश कुमार धूड़िया ने वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 का प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए सभी केन्द्रों द्वारा संचालित गतिविधियों को विस्तृत रूप से बताया। उन्होंने प्रसार शिक्षा निदेशालय द्वारा चलाई जा रही “धीणे री बात्यां” कार्यक्रम, राजुवास ई-पशुपालक चैपाल, यूनिवर्सिटी सोशल रिस्पोसिबिलीटी एवं विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों की जानकारी दी। वेटरनरी विश्वविद्यालय, हिसार के प्रसार शिक्षा निदेशक प्रो. डी.एस. दैया ने राजुवास द्वारा चलाई जा रही प्रसार गतिवियों एवं कार्यक्रमों को प्रशंसा करते हुए प्रशिक्षणों हेतु नाबार्ड एवं अन्य वित्तपोषित संस्थानों से सहयोग का सुझाव दिया। प्रो. दैया ने पशुपालन उन्नत तकनीकों को जागरूगता कैम्पेनिंग एवं सोशल मिडिया के माध्यम से पशुपालकों तक पहुंचाने का सुझाव दिया। बैठक में परिषद् के मनोनीत सदस्य डाॅ. दिनेश भौंसले (पुणे), उरमूल डेयरी के महाप्रबंधक प्रतिनिधि डाॅ. बी.एल. विश्नोई, उपनिदेशक, पशुपालन विभाग डाॅ. ओम प्रकाश ने भी अपने विचार रखे। इस अवसर पर परिषद् के सदस्यों ने दिसम्बर माह में वेटरनरी कॉलेज, उदयपुर में आयोजित होने वाली “एनाटोमी” की कॉन्फ्रेंस के फोल्डर का विमोचन भी किया। बैठक में विश्वविद्यालय के वित्तनियंत्रक डाॅ. प्रताप सिंह पूनिया, अधिष्ठाता एवं संकाय अध्यक्ष प्रो. आर.के. सिंह, डीन-डायरेक्टर, विभागाध्यक्ष एवं कृषि विज्ञान केन्द्र एवं पशुविज्ञान केन्द्रों के प्रभारी अधिकारी उपस्थित रहे।