विश्व जूनोसिस दिवस के अवसर पर पी.जी.आई.वी.ई.आर., जयपुर में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन

जयपुर, 06 जुलाई। स्नातकोत्तर पशुचिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (पी.जी.आई.वी.ई.आर.), जयपुर में गुरूवार को ’’विश्व जूनोसिस दिवस’’ के अवसर पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। प्रातः 10.00 बजे से दोपहर 01.00 बजे तक संस्थान के पशुचिकित्सा संकुल में निःशुल्क रेबीज टीकाकरण शिविर एवं पशुपालकों हेतु जूनोसिस जागरूकता व्याख्यान का आयोजन किया गया। डॉ. रश्मि सिंह, डॉ. मुकेश चन्द पाराशर एवं डॉ. सुमित प्रकाश यादव ने उपस्थित पशुपालकों को विभिन्न हानिकारक व घातक जूनोटिक बीमारियों के बारे में जानकारी दी एवं इनसे बचने के उपायों से अवगत करवाया। संस्थान द्वारा गोद लिये गाँव ’कानड़वास’ में डॉ. संदीप कुमार शर्मा, प्रभारी, राष्ट्रीय सेवा योजना एवं कार्यक्रम अधिकारी तथा स्नातक तृतीय वर्ष के विद्यार्थियों ने गाँव के उच्च प्राथमिक विद्यालय के विद्यार्थियों तथा अध्यापकों को विभिन्न जूनोटिक बीमारियों जैसे टी.बी., रेबीज, ब्रूसेलोसिस आदि के बारे में जागरूक किया तथा इनसे बचाव के विभिन्न तरीकों के बारे में विस्तारपर्वूक चर्चा की। उन्होंने गॉव के सरपंच एवं मुखिया के साथ मिलकर घर-घर भ्रमण कर लोगों को जूनोटिक रोगों के बारे में जागरूक किया। संस्थान में सेवा प्रदाता के माध्यम से कार्यरत मानव संसाधन को विश्व जूनोसिस दिवस की महत्ता बताने हेतु एक जागरूकता व्याख्यान का भी आयोजन किया गया। संस्थान की अधिष्ठाता प्रो. शीला चौधरी ने सभी को संबोधित करते हुए बताया कि हम सभी लोग अपने घरों में पशु रखते हैं तथा उनकी देखभाल करते है। संस्थान के फार्म संकुल तथा पशुचिकित्सा संकुल में कार्यरत लोग विभिन्न गतिविधियों जैसे पशुओं को चारा खिलाने तथा सफाई करने, दूध निकालने, बीमार जानवरों की देखभाल एवं उपचार करने आदि के दौरान प्रतिदिन पशुओं के सम्पर्क में आते हैं। अतः हमें पशुओं से मनुष्यों तथा मनुष्यों से पशुओं में फैलने वाले विभिन्न रोग, जिन्हें जूनोटिक रोग कहा जाता है, के बारे में विस्तृत जानकारी होनी चाहिये तथा उनसे बचाव के तौर-तरीकों से भी हमें अवगत होना चाहिये। डॉ. सुरेन्द्र सिंह शेखावत, प्रभारी, वेटरनरी पब्लिक हैल्थ विभाग ने व्याख्यान के माध्यम से सभी को जूनोटिक रोगों के बारे में जागरूक किया। विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन संस्थान के सहायक अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ. वाई.पी. सिंह की देखरेख में सम्पन्न हुआ।