मिश्रित शिक्षा प्रणाली विषय पर कार्यशाला का आयोजन

मिश्रित शिक्षा प्रणाली विषय पर कार्यशाला का आयोजन
मिश्रित शिक्षा प्रणाली शिक्षण में बहुउपयोगी नवाचार: कुलपति प्रो. सतीश के. गर्ग
बीकानेर 15 फरवरी। वेटरनरी विश्वविद्यालय एवं भारतीय कृषि सांख्यिकी शोध संस्थान (आई.सी.ए.आर.) नई दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में मिश्रित शिक्षा प्रणाली (ब्लेंडेड लर्निंग) विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन गुरुवार को किया गया। कुलपति प्रो. सतीश के. गर्ग ने बताया कि कोविड काल के बाद मिश्रित शिक्षा प्रणाली एक वरदान साबित हुई है। मिश्रित शिक्षा प्रणाली से पठन एवं पाठन के क्षेत्र में नए दृष्टिकोण एवं नये आयाम स्थापित हो रहे है जो कि शिक्षण में बहुउपयोगी नवाचार साबित हो रही है। देश के किसी भी हिस्से से विषय विशेषज्ञ अपने ज्ञान एवं कौशल को विद्यार्थियों एवं अन्य शिक्षकों के साथ साझा कर सकते है। मिश्रित शिक्षा प्रणाली, वर्तमान शिक्षा प्रणाली में गुणवत्ता सुधार का अहम् आधार बन सकती है। इससे अध्यापन एवं विद्यार्थियों के बीच बेहतर संवाद स्थापन के साथ-साथ शैक्षणिक समाजस्य स्थापित हो रहा है। कुलपति प्रो. गर्ग ने कहा कि अधिकांश विश्वविद्यालयों में जहां मानव संसाधन की कमी है वहां मिश्रित शिक्षा प्रणाली उपयोगी साबित हो रही है। निदेशक प्रसार शिक्षा प्रो. राजेश कुमार धूड़िया ने बताया की देश के 74 कृषि विश्वविद्यालयों एवं 112 आई.सी.ए.आर. केन्द्रों तथा कृषि विज्ञान केन्द्रों पर ब्लेंडेड लर्निंग शिक्षण माध्यम शुरू किया जा रहा है उसी के तहत आज विश्वविद्यालय शिक्षकों व विद्यार्थियों के लिए इस कार्यशाला का आयोजन किया गया है। प्रतिकुलपति प्रो. हेमन्त दाधीच ने कहा कि हमें शिक्षा में नवाचारों को अपनाते हुए विद्यार्थी एवं शिक्षक के बीच संवादों को भी बढ़ावा देना होगा। अधिष्ठाता प्रो. ए.पी. सिंह ने प्रारम्भ में कार्यशाला के उद्देश्यों की जानकारी दी व स्वागत भाषण दिया। डॉ. अंशु भारद्वाज प्रधान वैज्ञानिक भारतीय कृषि सांख्यिकी शोध संस्थान (आई.सी.ए.आर) नई दिल्ली ने कार्यशाला की रूपरेखा की विस्तृत जानकारी प्रदान करते हुए बताया कि परम्परागत शिक्षा प्रणाली के साथ-साथ आधुनिक शिक्षण साधनों का समावेश करते हुए शिक्षण को बहुउपयोगी एवं अधिक प्रभावी बनाया गया है। मनीष वर्मा, सीनियर प्रबंधक, आई.टी. नई दिल्ली ने कार्यशाला का प्रायोगिक एवं तकनीकी ज्ञान प्रदान किया। कार्यक्रम समन्वयक डॉ. अशोक डांगी ने कार्यक्रम का संचालन किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के डीन-डारेक्टरस, शिक्षक एवं विद्यार्थी मौजूद रहे।