मानव उपभोग हेतु पशु उत्पादों में खाद्य संरक्षा पर 21 दिवसीय शीतकालीन प्रशिक्षण शुरू

बीकानेर 5 फरवरी। वेटरनरी महाविद्यालय, बीकानेर के पशुपोषण विभाग द्वारा आई.सी.ए.आर. वित्त पोषित “पशु खाद्य संरक्षा और पशु उत्पादित खाद्य पदार्थों का मानव के सुरक्षित उपभोग के लिए गुणवत्ता मूल्यांकन” विषय पर 21 दिवसीय शीतकालीन प्रशिक्षण सोमवार को प्रारम्भ हुआ। प्रशिक्षण का उद्घाटन मुख्य अतिथि डॉ. आर.सी. अग्रवाल, उपमहानिदेशक (कृषि शिक्षा) आई.सी.ए.आर., नई दिल्ली एवं वेटरनरी विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. ए.के. गहलोत द्वारा किया गया। वेटरनरी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सतीश के. गर्ग ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। प्रो. अग्रवाल ने उद्घाटन सत्र को सम्बोधित करते हुए कहा कि इस प्रशिक्षण का विषय वर्तमान परिपेक्ष में तर्कसंगत है हम पशु स्वास्थ्य को इग्नोर करके मानव स्वास्थ्य की कल्पना नहंीं कर सकते। पशु आधारित उत्पादों का गुणात्मक मूल्य निर्धारण बहुत आवश्यक है। प्रो. अग्रवाल ने प्रशिक्षण के दौरान माइक्रो लर्निग, ब्लेन्डेड लर्निग पर फोकस करने का सुझाव दियां। विशिष्ट अतिथि प्रो. ए.के. गहलोत के कहा कि राज्य की जी.डी.पी. में पशुपालन को बहुत अधिक योगदान है। वर्तमान में पोल्ट्री एवं एक्वा फीड की तुलना में अभी केटल फीड़ को बढ़ावा नहीं मिला है, इसमें और अधिक गुणात्मक शोध की भी जरूरत है। कार्यक्रम अध्यक्ष कुलपति प्रो. सतीश के. गर्ग ने कहा कि मानव स्वास्थ्य प्रत्यक्ष रूप से पशु वनस्पति एवं वातावरण के स्वास्थ्य पर निर्भर करता है। उन्होंने एकल स्वास्थ्य पर फोकस करते हुए कहा कि स्वस्थ पशु उत्पादों के माध्यम से स्वास्थ्य मानव जीवन की परिकल्पना कर सकते है। निदेशक प्रसार शिक्षा प्रो. राजेश कुमार धूड़िया ने बताया कि 21 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में राजस्थान के साथ-साथ पंजाब, गुजरात, आसाम, बिहार, तमिलनाडु, नई दिल्ली, यू.पी., एम.पी. राज्यों के प्रशिक्षाणार्थी भाग ले रहे है। जिसमें शिक्षक, वैज्ञानिक एवं विषय विशेषज्ञ शामिल है। प्रशिक्षण के दौरान देश के ख्याति प्राप्त विश्वविद्यालय, आई.सी.ए.आर. संस्थानों के शिक्षकों एवं वैज्ञानिकों द्वारा विभिन्न विषयों पर व्याख्यानों का आयोजन होगा। अधिष्ठाता प्रो ए.पी. सिंह ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर उप कुलपति प्रो. हेमन्त दाधीच, वित्त नियन्त्रक बी.एल.सर्वा, अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. प्रवीण बिश्नोई, निदेशक पी.एम.ई. प्रो. बसंत बैस, निदेशक मानव संसाधन विकास प्रो. बी.एन. श्रृंगी, डॉ. आर.ए. लेघा सहित शिक्षक एवं प्रशिक्षार्थी उपस्थित रहे।