पशुउत्पादो का मूल्यसंवर्धन विषय पर प्रशिक्षण कार्यक्रम पशु उत्पादों का मूल्यसंवर्धन, मानव स्वास्थ्य और उद्यमशीलता में सुधार के लिए जरूरी: कुलपति प्रो. सतीश के. गर्ग

बीकानेर 30 अक्टूबर। वेटरनरी विश्वविद्यालय, बीकानेर के प्रसार शिक्षा निदेशालय एवं राष्ट्रीय कृषि विस्तार प्रबंध संस्थान (मैनेज), हैदराबाद के संयुक्त तत्वावधान में “पशु उत्पादों का मूल्यसंवर्धन” विषय पर सोमवार से ऑनलाइन मोड पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए वेटरनरी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सतीश के गर्ग ने कहा कि इस प्रशिक्षण के माध्यम से पशुउत्पाद प्रसंस्करण संबंधित नई तकनीकों एवं नवाचारों को प्रसार कार्यकर्त्ताओं एवं फील्ड पशुचिकित्सकों के माध्यम से पशुपालकों तक पहुचाने हेतु नये आयाम मिलेंगे। मूल्यसवंर्धित पशु उत्पाद जैसे दूध, चीज, घी, पनीर, श्रीखंड व अन्य उत्पाद बुनियादी पोषण प्रदान करने के अलावा कुछ अतिरिक्त स्वास्थ्य लाभ भी प्रदान करते हैं। वर्तमान में लोग अधिक से अधिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हो रहे हैं और स्वस्थ आहार को एक विकल्प के रूप में चुन रहे हैं। मूल्यसंवर्धित उत्पाद एक स्वास्थ्यप्रद आहार विकल्प होने के कारण कच्चे उत्पाद की तुलना में मूल्यसंवर्धित उत्पादों की मांग में वृद्धि हुई है। प्रसंस्कृत पशुधन उत्पादों को अधिक दूरी पर मौजूद बाजारों में बेचा जा सकता है। पशु उत्पादों का मूल्यसंवर्धन रोजगार एवं उद्यमिता विकास को बढ़ावा देता है और किसानों को पर्याप्त रिटर्न भी प्रदान करता है। प्रसार शिक्षा निदेशक प्रो. राजेश कुमार धूड़िया ने कहा कि तीन दिवसीय प्रशिक्षण के दौरान देश के ख्याति प्राप्त आई.सी.ए.आर. इंस्टीट्यूट एवं विश्वविद्यालयों के विषय विशेषज्ञ पशुउत्पादन व प्रसंस्करण तकनीक स्वास्थ्य एवं पशु आयामों के विभिन्न विषयों पर पशुचिकित्सकों, प्रसार कार्यकर्त्ताओं वैज्ञानिकों एवं विद्यार्थियों को व्याख्यान प्रदान करेंगे। पशु उत्पादों में मूल्य संवर्धन से युवाओं में उद्यमशीलता की प्रवृत्ति को भी बढ़ावा मिलता है। इसके लिए विशेष प्रशिक्षण और उद्यमिता विकास जैसे कार्यक्रमों की आवश्यकता है।