वेटरनरी विश्वविद्यालय में गोबर-गौमूत्र प्रसंस्करण पर कार्यशाला आयोजित

बीकानेर 30 मई। वेटरनरी विश्वविद्यालय में गोबर-गौमूत्र के जैविक उत्पादों के प्रसंस्करण प्रशिक्षण विषय पर सोमवार को कार्यशाला का आयोजन किया गया। वेटरनरी विश्वविद्यालय और राजस्थान गौ-सेवा परिषद के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कार्यशाला में कृषि, पशुपालन, नाबार्ड, कृषि विश्वविद्यालय, आत्मा, महिला बाल विकास, आदि विभागों के प्रभारी अधिकारियों ने भाग लिया। इस अवसर पर प्रशिक्षण कार्यशाला के मुख्य अतिथि संभागीय आयुक्त डॉ. नीरज के. पवन ने कहा कि गोबर-गोमूत्र प्रसंस्करण प्रशिक्षण एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है। वेटरनरी विश्वविद्यालय द्वारा इस बाबत राज्य सरकार को भिजवाई गई परियोजना के लिए प्रशासनिक स्तर पर पूरा सहयोग किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बीकानेर संभाग को इसके लिए एक मॉडल स्वरूप में विकसित करने के लिए ग्रामीण स्तर पर गौ उत्पादों के जैविक प्रसंस्करण कार्यों के लिए युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाये। बीकानेर जिले के 9 ब्लॉक में यह प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किये जायेगे जिसमें वेटरनरी विश्वविद्यालय के साथ-साथ नाबार्ड, कृषि एवं पशुपाल विभाग सहयोगी रहेंगे। प्रो. ए.के. गहलोत, राष्ट्रीय संयोजक, राजस्थान गौ-सेवा परिषद् एवं संस्थापक व पूर्व कुलपति ने कहा कि गांव में गोबर एवं गोमूत्र पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है ग्रामिण युवाओं के प्रशिक्षण उपरान्त इसका समुचित उपयोग हो सकेगा। जिससे पशुपालकों को आर्थिक फायदा पहुचेगा। कुलपति प्रो. सतीश के. गर्ग ने कहा कि पशुपालकों की हितार्थ यह एक महत्वाकांक्षी परियोजना है जिससे सभी विभागों के सहयोग से ग्राम स्तर पर इसका क्रियान्वयन किया जायेगा। वेटरनरी विश्वविद्यालय के प्रसार शिक्षा निदेशक प्रो. राजेश कुमार धूड़िया ने गोबर-गौमूत्र प्रशिक्षण अभियान के बारे में विस्तृत जानकारी दी। इस कार्यशाला में एस.के.आर.ए.यू. के निदेशक अनुसंधान प्रो. पी.एस. शेखावत, निदेशक प्रसार शिक्षा प्रो. सुभाष चन्द्र बलोदा, नाबार्ड के रमेश तांबिया, पशुपालन विभाग के डॉ. वीरेन्द्र नेत्रा, कृषि विभाग के डॉ. कैलाश चौधरी, राजस्थान गौ सेवा परिषद के अध्यक्ष हेम शर्मा, उपाध्यक्ष अरविंद मिढ्ढा सहित राजुवास के वित्त नियंत्रक प्रतापसिंह पूनिया, अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. एस.सी. गोस्वामी, निदेशक अनुसंधान प्रो. हेमन्त दाधीच, परीक्षा नियंत्रक प्रो. उर्मिला पानू, निदेशक मानव संसाधन विकास प्रो. बी.एन. श्रृंगी, निदेशक क्लिनिक्स प्रो. जी.एस. मेहता आदि मौजूद रहें।