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राजस्थान पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्‍वविद्यालय, बीकानेर Rajasthan University of Veterinary and Animal Sciences, Bikaner (Accredited by VCI and ICAR)

वेटरनरी विश्वविद्यालय दो दिवसीय लघु कुक्कुट पालन प्रशिक्षण बैकयार्ड मुर्गी पालन हो सकता है आर्थिक उन्नति का आधार

बीकानेर 9 मार्च। वेटरनरी विश्वविद्यालय के प्रसार शिक्षा निदेशालय द्वारा कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन अभिकरण (आत्मा), कृषि विभाग, बीकानेर के संयुक्त तत्वावधान में “लघु कुक्कुट पालन” विषय पर दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम बुधवार को संपन्न हुआ। प्रशिक्षण में बीकानेर जिले के 30 पशुपालक शामिल हुए। प्रसार शिक्षा निदेशक, प्रो. राजेश कुमार धूडिया ने बताया कि बैकयार्ड मुर्गी पालन कम लागत में शुरू होने वाला व्यवसाय है अतः पशुपालक पारंपरिक पशुपालन के साथ साथ बैकयार्ड मुर्गी पालन कर आर्थिक मुनाफा अर्जित कर सकते है। प्रशिक्षण समन्वयक डॉ. अरूण कुमार झीरवाल ने बताया कि इन दो दिवसीय प्रशिक्षण के दौरान बैकयार्ड मुर्गी पालन का महत्व, मुर्गीपालन हेतु उपयुक्त नस्ले, आवास प्रबंधन, आहार प्रबंधन, अंडे एवं मांस हेतु मुर्गी पालन, मुर्गियों के प्रमुख रोग एवं बचाव आदि विभिन्न विषय पर डॉ. दीपिका गोकलानी, डॉ. अरूण झीरवाल, डॉ. मोहन लाल चौधरी, डॉ. राजेश नेहरा, डॉ. विजय बिश्नोई, डॉ. गरिमा चौधरी एवं डॉ. नीरज कुमार शर्मा ने अपने व्याख्यान प्रस्तुत किये। प्रशिक्षण के समापन पर सभी प्रशिक्षार्थियों को प्रमाण-पत्र वितरित किये गये। प्रशिक्षण के उपरांत आयोजित प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम में नेमदास रामावत प्रथम, राम सिंह द्वितीय एवं नरेन्द्र सिंह तृतीय स्थान पर रहे।