फील्ड पशुचिकित्सकों का पांच दिवसीय प्रशिक्षण प्रारंभ फील्ड पशुचिकित्सकों के लिए रोग निदान व चिकित्सकीय कौशल प्रशिक्षण जरूरीः कुलपति प्रो. गर्ग

बीकानेर, 13 मार्च। वेटरनरी विश्वविद्यालय के प्रसार शिक्षा निदेशालय एवं पशुपालन विभाग, राजस्थान के संयुक्त तत्वावधान में फील्ड पशुचिकित्सकों के लिए 13 से 17 मार्च तक पांच दिवसीय प्रशिक्षण शिविर पशुओं में रोग निदान एवं नियंत्रण विषय पर आयोजित किया जा रहा है। प्रशिक्षण शिविर के उद्घाटन सत्र में प्रशिक्षणार्थियों को सम्बोधित करते हुए कुलपति प्रो. सतीश के. गर्ग ने कहा कि फील्ड में कार्यरत पशुचिकित्सकों को विभिन्न रोग निदान एवं चिकित्सकीय कौशल की आवश्यकता पड़ती है ऐसे प्रशिक्षण समय समय पर आयोजित किये जाने चाहिए ताकि पशुचिकित्सकों की कौशल क्षमता का विकास हो सके। पशुचिकित्सा के क्षैत्र में बहुत विविधता है एक कुशल पशुचिकित्सक को रोग उपचार के साथ-साथ विभिन्न रोग निदान तकनीकों की जानकारी होना भी बहुत आवश्यक है इस प्रकार के प्रशिक्षण ज्ञान एवं कौशल को बढ़ाने में बहुत सहायक है अतः विश्वविद्यालय के द्वारा आयोजित इन प्रशिक्षणों को पशुरोग उपचार में उपयोग करें ताकि पशु उत्पादन क्षमता को बढ़ाकर पशुपालकों को आर्थिक रूप से उन्नत बना सके। उद्घाटन सत्र में प्रो. ए.पी. सिंह अधिष्ठाता वेटरनरी कॉलेज, बीकानेर भी उपस्थित रहे। प्रसार शिक्षा निदेशक प्रो. राजेश कुमार धूड़िया ने बताया कि भारत सरकार की एस्केड परियोजना के अंर्तगत पशुपालन विभाग के अजमेर, कोटा व नागौर जिलों के 20 पशुचिकित्सक भाग ले रहे हैं। इस पांच दिवसीय प्रशिक्षण में विषय विशेषज्ञों द्वारा पशुओं में मेटाबॉलिक बीमारियां, रक्त एवं मूत्र जांच, रेडियोग्राफिक डायग्नोस्टिक तकनीक, विभिन्न नामूनों को एकत्र एवं जांच हेतु भेजने के तरीके, अल्ट्रासोनोग्राफिक तकनीक, रोग नियंत्रण की बायोटेक्नोलॉजिकल तकनीक, बायोसिक्यूरिटी उपाय, पोस्टमार्टम जांच, पशुजन्य रोगो से बचाव, बायोसेफ्टी लैब आदि विषयों पर 20 व्याख्यान के साथ साथ पशु फार्म एवं प्रयोगशाला भ्रमण आयोजित किये जायेगे।