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राजस्थान पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्‍वविद्यालय, बीकानेर Rajasthan University of Veterinary and Animal Sciences, Bikaner (Accredited by VCI and ICAR)

पी.जी.आई.वी.ई.आर., जयपुर में ’’राहत’’ की प्रथम बैठक का आयोजन

जयपुर, 08 मार्च। स्नातकोत्तर पषुचिकित्सा षिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान
(पी.जी.आई.वी.ई.आर.), जयपुर में मंगलवार को रीजनल एनिमल हस्बेन्ड्री एवं एक्सटेंशन टेक्नोलॉजी (राहत) फोरम की प्रथम बैठक का आयोजन हाईब्रिड माध्यम से किया गया। वेटेरनरी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सतीश के. गर्ग ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य के पशुपालक पशुओं में बांझपन, परजीवियों तथा अन्य जीवाणुओं के दवा प्रतिरोधकता आदि समस्याओं से परेशान हैं। विश्वविद्यालय के विभिन्न संस्थानों और केन्द्रांे द्वारा पशुपालन के विभिन्न भागीदारियों के मध्य समन्वय स्थापित कर इन समस्याओं का निराकरण करना अति आवश्यक है। इससे पहले कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे संस्थान की अधिष्ठाता प्रो. (डॉ.) संजीता शर्मा ने ’’राहत’’ फोरम के गठन के उद्देश्यों के बारे में चर्चा करते हुए बताया कि राजस्थान पशुचिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय (राजुवास), बीकानेर द्वारा विश्वविद्यालय व पशुपालन से जुडे़ राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में समन्वयन हेतु इसका गठन किया गया है। इस फोरम के द्वारा वेटेरनरी विश्वविद्यालय राज्य में स्थित अपने विभिन्न संस्थानों व केन्द्रों के वैज्ञानिकों व प्राध्यापकों के माध्यम से जिलों के पशुपालन, डेयरी, मत्स्य, गौपालन एवं अन्य संबंधित विभागों तथा विश्वविद्यालय के मध्य संवाद आयोजित कर अनुसंधान व पशुपालकों की सूचनाओं व समस्याओं का आदान-प्रदान करना है। निदेशक गौपालन डॉ. लाल सिंह ने गौमूत्र और गोबर के किफायती निपटान, भू्रण प्रत्यारोपण तकनीक तथा सेक्स्ड सीमन के बारे में पशुपालकों को जागरूक करने पर जोर दिया। पशुपालन विभाग के डॉ. राजेश वर्मा ने पशुपालकों की आवश्यकता आधारित समस्या समाधान तथा कृषि विज्ञान केन्द्र, कोटा के डॉ. महेन्द्र सिंह ने चिकित्सा के साथ-साथ पशुचिकित्सकों की बहु-भूमिका पर अपने विचार रखे। बैठक में प्रगतिशील पशुपालक श्री सुरेन्द्र सिंह अवाना, गंगाराम सेपट तथा जीनेन्द्र चौधरी ने पशुपालकांे की विभिन्न समस्याओं से अवगत कराया। प्रसार शिक्षा निदेशक प्रो. आर.के. धूड़िया ने वर्ष में दो बार ’’राहत’’ फोरम की बैठक बुलाने तथा पशुपालकांे की समस्याओं पर विश्वविद्यालय की प्रसार परिषद् तथा अनुसंधान परिषद् की बैठकों में चर्चा करने का सुझाव दिया। संस्थान के डॉ. अशोक बैंधा ने पशुपालकों के लिए प्रदर्शन इकाईयों की स्थापना तथा डॉ. संजय कुमार रेवानी ने पशुपालकों की प्रतिक्रिया एवं आवश्यकता आधारित समस्या समाधान का सुझाव दिया। प्रसार शिक्षा निदेशक प्रो. आर.के. धूड़िया ने बैठक में शामिल सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. अशोक बैंधा ने किया।