आत्मा योजनांतगर्त पशुपालकों का प्रशिक्षण आयोजित परम्परागत पशुपालन को व्यवसाय के रूप में अपनाने की जरूरत

कानेर, 02 मार्च। वेटरनरी विश्वविद्यालय के प्रसार शिक्षा निदेशालय एवं कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन अभिकरण (आत्मा), कृषि विभाग, बीकानेर के संयुक्त तत्वावधान में “उन्नत गोपालन एवं गोबर-गोमूत्र प्रसंस्करण“ विषय पर दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम शुक्रवार को समाप्त हुआ। प्रशिक्षण में बीकानेर ब्लॉक के गाड़वाला पंचायत के 30 पशुपालक शामिल हुए। प्रसार शिक्षा निदेशक प्रो. राजेश कुमार धूड़िया ने बताया कि परम्परागत पशुपालन को आधुनिक ढंग से व्यवसाय के रूप में अपनाने की जरूरत है। पशुपालन में विभिन्न पशुधन इकाईयों को अपनाने से पशुपालक अपनी आमदनी बढ़ा सकता है। डॉ. नीरज कुमार शर्मा ने प्रशिक्षण के आयोजन में सहयोग किया। प्रशिक्षण में डॉ. दीपिका धूड़िया, डॉ. रजनी अरोड़ा, डॉ. राजेश नेहरा, डॉ. अशोक कुमार, डॉ. मनोहर सैन एवं दिनेश आचार्य द्वारा जैविक खेती, पशु आहार प्रबन्धन, डेयरी पशुओं में मुख्य बीमारियां एवं रोकथाम, पशुआावास प्रबन्धन, पशुओं में प्रजनन संबन्धित रोग एवं उपचार, वर्मी कम्पोस्ट, गौमूत्र का कीटनाशक के रूप में प्रसंस्करण आदि विषयों पर व्याख्यान प्रस्तुत किए गये। प्रशिक्षण के अन्त में आयोजित प्रश्नोत्तरी में गोकुलराम को प्रथम, ओमप्रकाश को द्वितीय एवं प्रेम को तृतीय पुरस्कार एवं प्रशस्ति-पत्र प्रदान किए गये।