पी.जी.आई.वी.ई.आर., जयपुर में किसान भवन, व्यायामशाला एवं छात्रावास के प्रथम व द्वितीय तल का लोकार्पण

जयपुर, 27 फरवरी। स्नातकोत्तर पशुचिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (पी.जी.आई.वी.ई.आर.), जयपुर में व्याप्त किसान भवन, व्यायामशाला एवं छात्रावास के प्रथम व द्वितीय तल का श्री जोराराम कुमावत, माननीय केबिनेट मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी, गौपालन विभाग, देवस्थान विभाग, राजस्थान सरकार के द्वारा लोकार्पण किया गया। लोकार्पण के उपरान्त संस्थान के सभागार में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के प्रारंभ में माननीय कुलपति राजुवास, बीकानेर द्वारा कार्यक्रम के मुख्य अतिथि माननीय श्री जोराराम कुमावत, केबिनेट मंत्री राजस्थान सरकार को साफा पहनाकर एवं पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत किया। तदोपरान्त अधिष्ठाता, पी.जी.आई.वी.ई.आर., जयपुर प्रो. शीला चौधरी द्वारा कार्यक्रम के अध्यक्ष प्रो. सतीश कुमार गर्ग, माननीय कुलपति, राजुवास, बीकानेर को पुष्पगुच्छ भेंट किया। कार्यक्रम में स्वागत भाषण के दौरान अधिष्ठाता महोदया ने कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, कार्यक्रम अध्यक्ष, कार्यक्रम में पधारे विभिन्न अतिथि, संकाय सदस्यों एवं समस्त विद्यार्थियों का स्वागत एवं अभिनन्दन किया। इस दौरान अधिष्ठाता महोदया ने संस्थान के इतिहास एवं संस्थान की विभिन्न गतिविधियों से मुख्य अतिथि को अवगत कराया। कार्यक्रम अध्यक्ष प्रो. सतीश कुमार गर्ग ने मुख्य अतिथि का लोकार्पण हेतु अपने व्यस्तम समय में से समय निकालने हेतु धन्यवाद ज्ञापित किया। माननीय कुलपति ने कहा कि ये लोकार्पण तभी सार्थक होगा जब इन भवनों का छात्र एवं छात्राओं द्वारा पूर्ण उपयोग किया जायेगा। माननीय कुलपति द्वारा राजुवास के सभी संघठक महाविद्यालयों के बारे में मुख्य अतिथि को अवगत कराया जिसमें पूर्व में स्थापित राज्य सरकार के तीन पशुचिकित्सा महाविद्यालय, दो डेयरी महाविद्यालय, चार पशुपालन डिप्लोमा संस्थान, राज्य सरकार द्वारा नव स्वीकृत पशुचिकित्सा महाविद्यालय एवं आठ गैर-सरकारी महाविद्यालय तथा 90 पशुपालन डिप्लोमा संस्थान प्रमुख है। इसके अतिरिक्त विश्वविद्यालय द्वारा संचालित विभिन्न पाठ्यक्रम जैसे पशुपालन डिप्लोमा कार्यक्रम, स्नातक, स्नातकोत्तर एवं विद्याचस्पति तथा विश्वविद्यालय के प्रसार एवं अनुसंधान गतिविधियों के बारे में सदन को अवगत किया। माननीय कुलपति द्वारा मुख्य अतिथि को अवगत कराया कि राज्य सरकार की 100 दिवसीय कार्य योजना अन्तर्गत विश्वविद्यालय की संघठक महाविद्यालयों द्वारा 18 पशुचिकित्सा शिविरों का आयोजन किया गया। इस 100 दिवसीय कार्य योजना के अन्तर्गत विश्वविद्यालय द्वारा शिक्षण की गुणवत्ता को बढ़ाने हेतु 80 सहायक आचार्या की भर्ती हेतु प्रस्ताव भेजा गया है जिसकी स्वीकृति से विश्वविद्यालय की शिक्षण गतिविधियॉ गुणवत्तापूर्ण हो पायेगी। कुलपति महोदय द्वारा संस्थान की विभिन्न समस्यों से मुख्य अतिथि को अवगत कराया जिसमें सीवरेज लाईन, पानी की समस्या मुख्य है। स्नातकोत्तर विद्यार्थियों के बारे में चर्चा करते हुए मुख्य अतिथि को बताया कि स्नातकोत्तर पशुचिकित्सा विद्यार्थियों को मात्र 10 हजार रूपये का स्टाईफण्ड राज्य सरकार द्वारा दिया जा रहा है जो कि मानव चिकित्सा के विद्यार्थियों की तुलना में नगण्य है। इस क्रम में मुख्य अतिथि को मध्यस्था कर राज्य सरकार से इन विद्यार्थियों को उचित स्टाईफण्ड देने की सिफारिश की। संस्थान की जूनोटिक बीमारियों की रोकथाम हेतु स्थापित प्रयोगशाला के भारत सरकार से मान्यता प्राप्त होने के उपरान्त पशुपालकों को मिलने वाले लाभ से भी अवगत कराया। इस कार्यक्रम में संस्थान के पशुपोषण विभाग एवं पशुचिकित्सा सूक्ष्म जीव विज्ञान विभाग के शिक्षकों द्वारा लिखित प्रशिक्षण मैन्युअल का मुख्य अतिथि, माननीय कुलपति एवं अधिष्ठाता द्वारा विमोचन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि माननीय श्री जोराराम कुमावत ने अपने अभिभाषण में माननीय कुलपति एवं अधिष्ठाता महोदया को किसान भवन, व्यायामशाला एवं छात्रावास के लोकार्पण के लिये बधाई दी एवं कहा कि ये तीनों ही लोकार्पण संस्थान के लिये अति महत्वपूर्ण है जिसमें किसानों एवं विद्यार्थियों को भविष्य में लाभ होगा। मुख्य अतिथि ने संस्थान में छात्रावास के अपर्याप्त व्यवस्था को देखते हुए माननीय कुलपति को एक और छात्रावास का प्रस्ताव भेजने को कहा। अपने अभिभाषण में पशुचिकित्सा व्यवसाय को उत्तम व्यवसाय बताया क्योकि पशुचिकित्सक उनका ईलाज कर रहे है जो अपनी समस्या बता नहीं पा रहे है तथा यह एक परोपकार का कार्य है। अपने अभिभाषण के अन्त में विद्यार्थियों के स्टाईफण्ड बढ़ाने के लिये कुलपति, राजुवास को पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया एवं सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम के अन्त में राष्ट्रगान का गान किया। कार्यक्रम का मंच संचालन डॉ. बरखा गुप्ता द्वारा किया गया।